भगवान श्रीराम का मजाक उड़ाने का विरोध: हनुमान चालीसा का पाठ

टोहाना में सेंट मैरी स्कूल और डीएवी स्कूल के बाहर बैठे बजरंग दल के कार्यकर्ता;

टोहाना में स्कूल के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए।

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना में दो प्राइवेट स्कूलों में रामलीला मंचन के दौरान अमर्यादित व्यवहार से उपजा विवाद सोमवार सुबह और भड़क गया। बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने दोनों स्कूलों के बाहर पहुंच कर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। उधर स्कूल के बाहर भीड़ देखकर दोनों स्कूलों की प्रिंसिपल्स ने लोगों के बीच आकर पूरे मामले पर माफी मांगते हुए खेद जताया। बजरंग दल ने 9 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है जो तय करेगी कि दोनों स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों का माफीनामा कबूल करना है या नहीं? उधर इस मामले में दी गई शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है।

दीपावली से पहले टोहाना के डीएवी स्कूल और सेंट मैरी स्कूल में रामलीलाओं का मंचन किया गया था। इसमें टीचरों की मौजूदगी में मंच पर रामायण के किरदारों को न सिर्फ भद्दे ढंग से दिखाया गया बल्कि उनका मजाक भी उड़ाया गया। इन रामलीलाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही विवाद खड़ा हो गया। ओलिंपियन योगेश्वर दत्त ने तो सेंट मैरी स्कूल का वीडियो ट्वीट करते हुए स्कूल में मान्यता रद्द करने की मांग उठा दी।

टोहाना में डीएवी स्कूल के बाहर पाठ करते बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता।

बजरंग दल को माफीनामा मंजूर नहीं
उधर लोगों का विरोध बढ़ते देख बैकफुट पर आए सेंट मैरी स्कूल की मैनेजमेंट ने लिखित और फिर वीडियो जारी कर पूरे प्रकरण पर खेद जताते हुए माफी मांग ली मगर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के माफीनामे को मंजूर नहीं किया। बजरंग दल के कार्यकर्ता सोमवार सुबह 8 बजे सेंट मैरी स्कूल और डीएवी स्कूल के सामने जमा हुए और सड़क पर ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। इस दौरान दोनों स्कूलों की प्रिंसिपल्स ने बाहर आकर माफी मांगी।

प्रिंसिपल्स ने कहा-बच्चों ने ही तैयार किया कार्यक्रम
प्रिंसिपल्स ने माना कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों से गलती हुई है और इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उनका तर्क था कि बच्चे कुछ प्रोग्राम देखकर आए और उन्होंने खुद ही यह पूरा कार्यक्रम तैयार किया। स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां अपने स्कूल के बच्चों की गलती को स्वीकार करते हुए पूरे प्रकरण पर माफी मांगती हैं। डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल का कहना था कि उनके स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे भी रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और उनका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।

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