महाराष्ट्र में ईद-उल-फित्र को लेकर दिशा-निर्देश जारी

मुंबई,  महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसकी कड़ी को तोड़ने के लिए सख्त पाबंदियां लगायी गयी हैं।

पूरे राज्य में कर्फ्यू लागू है तथा किसी तरह के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक समारोह के आयोजन की अनुमति नहीं है।

इस साल रमजान का पवित्र महीना 13 अप्रैल से शुरू हुई था। रमजान ईद (ईद-उल फित्र) 13 या 14 मई को मनायी जाएगी।
एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि मौजूदा समय में कोविड-19 की दूसरी लहर और कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 13 अप्रैल, 2021 के आदेश के प्रावधानों के अनुसार विशेष सावधानी के साथ ईद का त्योहार मनाये जाने की जरूरत है।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मुसलमानों को ईद-उल-फित्र की नमाज अदा करने, तरावी और इफ्तार के लिए मस्जिदों या सार्वजनिक जगहों पर उपस्थित होने की अनुमति नहीं होगी। इस समाज के लोगों के लिए अपने घरों में धार्मिक उत्सवों को मनाने की सलाह दी जाती है। लोग रमजान के मौके पर नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों या खुली जगहों पर इकट्ठा न हों। बृहन्मुंबई नगर निगम ( बीएमसी) और स्थानीय प्रशासन ने सामानों की खरीद के लिए समय सीमा निर्धारित की है और इसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
इसके अलावा सामान खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ जमा न करें। कोविड-19 के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 144 के तहत राज्य में कर्फ्यू है। कर्फ्यू के दौरान पैदल चलने वालों को सड़क पर स्टॉल नहीं लगाना चाहिए और नागरिकों को बिना किसी कारण के सड़क पर नहीं निकलना चाहिए।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि ईद के मौके पर कोई भी जुलूस, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने चाहिए। चूंकि धार्मिक स्थान बंद हैं, इसलिए धार्मिक समुदाय, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक नेताओं और मुस्लिम समुदाय के गैर-सरकारी संगठनों को पवित्र रमजान ईद के सरल उत्सव के संबंध में जागरुकता पैदा करनी चाहिए।

रमजान के दिन सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी है तथा मास्क पहनकर तथा सेनिटाइर का इस्तेमाल कर सावधान रहने की जरूरत है।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सभी संबंधित सरकारी विभाग द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

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