क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल का आयात शुल्क खत्म,

तेल सस्ता करने के लिए सरकार का बड़ा ऐलान: अगले साल 31 मार्च तक इन पर नहीं लगेगी इंपोर्ट ड्यूटी

खाने के तेलों के दाम में कमी लाने के लिए सरकार ने त्योहारों से पहले बड़ा ऐलान किया है। उसने क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल पर लगने वाला आयात शुल्क छह महीने के लिए खत्म कर दिया है। क्रूड पाम ऑयल का एग्री सेस भी 20% से घटाकर 7.5% जबकि क्रूड सोया और सनफ्लावर का सेस 5% कर दिया है।

अगले साल 31 मार्च तक इन पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगी

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनडायरेक्ट एंड कस्टम्स ने कहा कि अगले साल 31 मार्च तक इन तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगी। उसने कहा है कि लेकिन, रिफाइंड सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर आयात शुल्क पहले की तरह लगता रहेगा।

इंपोर्ट ड्यूटी में 20,000 रुपए तक की कमी मुमकिन

SEAO के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी वी मेहता कहा कि सरकार ने क्रूड और रिफाइंड पाम, सोया और सनफ्लावर ऑयल के इंपोर्ट ड्यूटी में 16.5% से 19.25% की कटौती की है। क्रूड पाम ऑयल की इंपोर्ट ड्यूटी में 14,000 रुपए प्रति टन जबकि सूरजमुखी के तेल के आयात शुल्क में 20,000 रुपए प्रति टन की कमी आ सकती है।

रिफाइंड पाम ऑयल 8 रुपए तक सस्ता हो सकता है

मुमकिन है कि इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का पूरा फायदा उपभोक्ताओं नहीं मिले। दरअसल, इस खबर के बाद मलेशिया में पाम ऑयल का दाम 150 से 170 रिंगिट (2,715-3,080 रुपए) प्रति टन उछल गया है। लेकिन रिफाइंड पाम ऑयल की कीमत में 6 से 8 रुपए प्रति किलो की कमी आ सकती है।

सोया और मूंगफली की फसल काट रहे किसानों के लिए चिंता वाली बात

मेहता के मुताबिक इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने का फैसला त्योहारों से पहले तेलों में मजबूती और ऊंचे फूड इन्फलेशन रेट को देखते हुए लिया गया है लेकिन यह किसानों के लिए चिंता का कारण बन सकता है। वे सोया और मूंगफली की रिकॉर्ड तोड़ खरीफ फसल की कटाई में लगे हैं। ऐसे में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का फैसला की कीमत पर दबाव बना सकता है।

नवंबर से पहले टैक्स में दो बार कटौती की गुंजाइश

सूत्रों का कहना है कि नवंबर में तिलहन की नई फसल आने से पहले तेलों के आयात पर लगने वाले सेस में दो बार और कटौती हो सकती है। बाजार में तेलों की मौजूदा कीमत और आपूर्तिे के ट्रेंड को देखते हुए इसकी गुंजाइश बनाई है।

सरसों तेल हो सकता है सस्ता, आयात बढ़ सकता है

सरसों और पाम ऑयल के दाम आने वाले महीनों में घट सकते हैं, इस बात का संकेत सितंबर में खाद्य तेलों के हुए रिकॉर्ड आयात से भी मिलता है। घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमत आसमान पर पहुंच जाने पर अगस्त से दोबारा क्रूड सरसों तेल का आयात शुरू हुआ और पिछले दो महीनों में 32,500 टन तेल का इंपोर्ट हुआ है।

पिछले महीने विदेश से मंगाया गया 20,215 टन सरसों तेल

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAO) के मुताबिक अगस्त में 12,437 टन और सितंबर में 20,215 टन क्रूड सरसों तेल विदेश से मंगाया गया। SEAO के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी वी मेहता ने बयान जारी बताया कि घरेलू बाजार की मांग पूरी करने के लिए अगले दो तीन महीनों में क्रूड सरसों तेल का आयात बढ़ सकता है।

सितंबर में हुआ 16.98 लाख टन खाद्य तेलों का आयात

SEAO के मुताबिक पिछले महीने विदेश से 16.98 लाख टन खाद्य तेल मंगाए गए जो किसी भी एक महीने में सबसे ज्यादा आयात रहा। इससे पहले अक्टूबर 2015 में सर्वाधिक 16.51 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था।

कुल 12.62 लाख टन पाम ऑयल का रिकॉर्ड आयात हुआ

सितंबर में कुल 12.62 लाख टन पाम ऑयल का आयात हुआ। यह 1996 में इसका आयात शुरू होने से अब तक किसी एक महीने में सबसे ज्यादा है। विदेश से मंगाए जाने वाले खाद्य तेलों में सबसे ज्यादा मात्रा इसी की होती है।

जून, जुलाई और अगस्त में सालाना आधार पर घटा आयात

सितंबर से पहले तीन महीनों यानी जून, जुलाई और अगस्त में खाद्य तेलों के आयात में सालाना आधार पर गिरावट का दौर चल रहा था। जून में 9,69,431 टन (-17%), जुलाई में 9,17,336 टन (-40%) और अगस्त में 10,16,370 टन (-22%) खाद्य तेल का आयात हुआ।

वनस्पति तेलों का भी 17,62,338 टन का रिकॉर्ड इंपोर्ट

SEOA के मुताबिक, पिछले महीने वनस्पति तेलों का भी रिकॉर्ड इंपोर्ट हुआ। सितंबर में 17,62,338 टन तेल का आयात हुआ जो 2020 सितंबर से 66% ज्यादा है। साल भर पहले इसी महीने 10,61,944 टन तेल का आयात हुआ था।

इंपोर्ट ड्यूटी में कमी से मिल रहा आयात को बढ़ावा

SEOA के मुताबिक, तेलों के आयात को बढ़ावा पिछले कुछ महीनों में इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर सरकारी पॉलिसी में किए गए बदलाव से मिल रहा है। दरअसल, सरकार ने देश में खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आयात शुल्क में कमी करने के कदम उठाए हैं।

2 फरवरी से 11 सितंबर तक 23.65% घटा पाम ऑयल का आयात शुल्क

इस साल 2 फरवरी से 11 सितंबर तक क्रूड पाम ऑयल पर प्रभावी आयात शुल्क में 11% की कमी आई थी। रिफाइंड पाम ऑयल के आयात शुल्क में सबसे ज्यादा 23.65% की कमी आई जबकि क्रूड और रिफाइंड सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल का आयात शुल्क 13.75% घटा।

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