बीकानेर में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिलने के बाद अलर्ट मोड में आई सरकार

जयपुर. बीकानेर में डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus variant) का केस मिलने के बाद राज्य सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. अनलॉक-3 (Unlock-3) के तहत अब पाबंदियों में ज्यादा छूट मिलने की संभावना बेहद कम हो गई है. धार्मिक स्थल आमजन को खोलने के लिए बहुत कम छूट मिलने की संभावना है. मंत्रिपरिषद के सुझाव के बाद गृह विभाग नए सिरे से गाइडलाइन (Guideline) पर काम करना शुरू कर दिया है. राज्य सरकार के मेडिकल विशेषज्ञों ने ज्यादा पाबंदी में छूट देने में जोखिम की आशंका व्यक्त की है. पाबंदियों में कम ही छूट की उम्मीद है. शादी-समारोह पर रोक रहेगी. राज्य में विवाह से संबंधित किसी भी प्रकार समारोह, डीजे, प्रीतिभो और बारात-निकासी की 30 जून तक रोक लगी रहेगी.

आमंत्रित मेहमानों की संख्या बढ़ सकती है
हालांकि, आमंत्रित मेहमानों की संख्या 11 से बढ़कर 50 हो सकती है. विवाह समारोह में करीब 10 बैंड बाजे वालों को भी अनुमति मिल सकती है. फिलहाल कोर्ट मैरिज करने की अनुमति है, जिसमें अधिकतम दूल्हा-दुल्हन समेत कुल 11 व्यक्ति शामिल हो सकते हैं. शादी समारोह में बैंड, बाजा, टेंट और मैरिज गार्डन के इस्तेमाल पर रोक लगी हुई है. सिर्फ घर में ही शादी कर सकते हैं. नई गाइडलाइन में बाजारों का समय बढ़ाने, सिनेमाघर-मल्टीप्लेक्स खोलने की सशर्त अनुमति मिल सकती है. सरकारी दफ्तरों में 100% कर्मचारियों को रूटिंग समय पर बुलाया जा सकता है.

राज्य के गृह विभाग ने सभी सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स संचालकों से सिटिंग प्लान मांग था. सिनेमाघरों और मल्टीप्लस को सशर्त खोलने की अनुमति मिलेगी. पहले पेज में आधे या इससे कम दर्शको को अनुमति मिलेगी. शुक्रवार को गहलोत कैबिनेट के सुझाव के बाद गृह विभाग नई गाइडलाइन बना रहा है. मंत्रिपरिषद की बैठक में लगभग सभी मंत्रियों ने डेल्टा प्लस वेरियंट का मामला आने पर सभी मंत्रियों ने चिंता जताई. सभी ने अपने सुझाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिए थे. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार को गरीबों के पेट की चिंता है.  गांव में नरेगा होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहे हैं. लेकिन शहरी लोगों के पेट की चिंता करना सरकार का काम है. इसलिए संभव है सरकार बाजार खोलने के समय में बढ़ोतरी कर सकती है. परिवहन मंत्री में बताया कि मुख्यमंत्री को इस संबंध में सुझाव दिए गए हैं. अब गाइडलाइन के लिए अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को ही लेना है.

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