गोरखपुर : वैक्‍सीन वेयर हाउस बनना शुरू, फरवरी तक कोरोना का टीका आने की उम्‍मीद….

कोरोना की वैक्‍सीन को सु‍रक्षित करने के लिए वैक्‍सीन वेयर हाउस बनाकर तैयार करने के लिए शासन के दिशा-निर्देश मिले हैं. कोरोना वैक्‍सीन को सुरक्षित करने के लिए वैक्‍सीन वेयर हाउस बनाया जा रहा है. वैक्‍सीन का कई जगह तीसरा ट्रायल चल रहा है. दो से तीन माह में भारत सरकार वैक्‍सीन को वितरित करेगी. वैक्‍सीन को सुरक्षित करने के लिए दिसंबर के अंत तक वैक्‍सीन वेयर हाउस बनकर तैयार हो जाएगा.

गोरखपुर के सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि ऐसे में वैक्‍सीनेशन के कार्य को देखते हुए दिशा-निर्देश मिले हैं. इसके अलावा पुरानी बिल्डिंग में डी-फ्रीजर और आईएलआर लगाने हैं, उसे तैयार कर लें. इसके लिए वैक्‍सीन वेयर हाउस तैयार करने के निर्देश मिले हैं. उन्‍होंने बताया कि वैक्‍सीन वेयर हाउस उनके कार्यालय के पीछे ही बनाया जा रहा है. जमीन भी चिन्हित हो गई है. सवा लाख वैक्‍सीन स्‍टोरेज की कैपिसिटी का स्‍टोरेज होना है. उन्‍होंने बताया कि बड़ा स्‍टोरेज तो लखनऊ में होगा. ट्रांजिट में वैक्‍सीन रखने के लिए हमारे यहां भी सुविधा रखने के लिए निर्देश मिले हैं.

वैक्‍सीन वेयर हाउस 31 दिसंबर 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगा. उन्‍होंने बताया कि जब भी वैक्‍सीन मिलेगी, उसे स्‍टोर कर सकेंगे. उम्‍मीद है कि फरवरी माह से वैक्‍सीनेशन होगा. पहले स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों और बुजुर्गों का वैक्‍सीनेशन होगा. सीएमओ ने बताया कि इसमें सरकारी और निजी चिकित्‍सालय में काम करने वाले चिकित्‍सक, कर्मचारी और सफाईकर्मियों का वैक्‍सीनेशन होगा. उसके बाद दूसरे चरण में आम लोगों का वैक्‍सीनेशन किया जाएगा.

सीएमओ ने बताया कि उम्‍मीद है कि भारत निर्मित वैक्‍सीन ही आएगी. इसके बावजूद अधिक आवश्‍यकता होगी, तो बाहर से भी वैक्‍सीन मंगाई जा सकती है. सरकार और शासन स्‍तर का ये विषय है. उन्‍होंने बताया कि इसके लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के चिकित्‍सक और कर्मचारियों को बाकायदा ट्रेनिंग दी जाएगी. वैक्‍सीन कैसे और कहां लगनी है. कितने डोज में लगनी है. डायलुएंट अलग से होगा या नहीं. एएनएम और आशा छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर इसकी ट्रेनिंग देंगे.

 

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