गोरखपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज, CM योगी की….

गोरखपुर. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के ऐलान के बाद से ही गोरखपुर (Gorakhpur) में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने प्रत्याशी घोषित कर जहां अपने पत्ते खोल दिये हैं, वहीं भाजपा की तरफ से अभी भी पत्ते नहीं खोले गये हैं. बुधवार को जबसे सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) गोरखपुर दौरे पर आये, तभी से भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार को लेकर उठापटक तेज हो गई. मुख्यमंत्री के सामने अध्यक्ष पद को लेकर दावे पेश किये जा रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह की बहू और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह की पत्नी साधना सिंह की तरफ से खुद फतेह बहादुर सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है. बुधवार को वह मुख्यमंत्री के साथ जहां निरीक्षण में मौजूद रहे, वहीं शाम को गोरखनाथ मंदिर में भी सीएम योगी से मुलाकात की. इसके पहले साधना सिंह 2010 से लेकर 2015 तक गोरखपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं.

वहीं गुरुवार की सुबह अध्यक्ष की कुर्सी की दावेदारी पेश कर रहे दुसरे गुट ने भी मुख्यमंत्री के सामने हाजिरी लगाई. माया शंकर शुक्ला, मनोज शुक्ला, संजय शुक्ला सहित अन्य नेताओं ने भी सीएम योगी से मुलाकात की. इन लोगों ने सीएम योगी से जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पार्टी का उम्मीदवार किसी पुराने कार्यकर्ता को बनाने की मांग की. इस तरह से इस गुट ने अपनी दावेदारी पेश कर दी. क्योंकि साधना सिंह 2015 में भाजपा ज्वाइन की थीं तो फतेह बहादुर सिंह 2017 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत कर विधायक बने हैं. 2012 का चुनाव फतेह बहादुर सिंह एनसीपी और 2007 का चुनाव बसपा विधायक बने थे.

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित किये गये आलोक कुमार गुप्ता पर प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही कैम्पियरगंज की एक महिला ने रेप का आरोप लगा दिया. जिसके बाद महिला की तहरीर पर बड़हलगंज पुलिस ने छानबीन के लिए मंगलवार को आलोक गुप्ता के घर भी गई. उसके अगले ही दिन यानि बुधवार को सपा ने आलोक कुमार गुप्ता को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. सपा जिलाध्यक्ष ने कहा दुष्कर्म का आरोप एक राजनीतिक साजिश है. पार्टी पूरी दमदारी से चुनाव मैदान में उतरेगी. सपा जिलाध्यक्ष ने सत्ताधारी दल द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की भी आशंका जताई.
गोरखपुर जिला पंचायत को लेकर एक रिकार्ड है कि अभी तक इसके अध्यक्ष पद की कुर्सी पर महिला का ही कब्जा रहा है. एक बार भी पुरुष जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बना है. पहले शोभा साहनी, फिर सुभावती पासवान, फिर चिंता यादव, साधना सिंह और गीतांजलि यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं. इस बार किसका कब्जा होगा? ये तो वक्त ही बतायेगा.

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