अयोध्या की तरह अब बदलेगी गोरखपुर तस्वीर, जानिये क्या है प्लान

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर को अयोध्या  की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी चल रही है. इसी क्रम में गोरखपुर विकास प्राधिकरण  बोर्ड की बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में अयोध्या की तर्ज पर गोरखपुर शहर के विकास का प्लान तैयार करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.

जीडीए की ओर से सिटी डेवलपमेंट प्लान बनाने के लिए कंसलटेंसी फर्म हायर करने को रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल  तैयार किया गया है. बोर्ड ने इस आरएफपी को मंजूरी दे दी. पर, इसके साथ शर्त भी जुड़ी होगी.

बुधवार सुबह प्रमुख सचिव आवास की वीडियो कांफ्रेंसिंग में अभी आरएफपी न जारी करने को कहा गया है. शासन दो दिन में यह तय करेगा कि आरएफपी प्रदेश के 10 शहरों के लिए शासन स्तर पर जारी होगी या हर प्राधिकरण अपने स्तर पर करेगा. हालांकि प्राधिकरण को आरएफपी तैयार रखने को कहा गया है. बोर्ड ने शासन के निर्देश के अधीन स्थानीय स्तर पर तैयार आरएफपी को मंजूरी दे दी है.

सिटी डेवलपमेंट प्लान में पर्यटन के स्थलों के विकास, रोड नेटवर्क, ऐतिहासिक स्थलों के विकास, स्मार्ट सिटी, ग्रीन सिटी, शहर के विस्तार, सीवरेज आदि के बारे में प्लान बनाया जाएगा. साथ ही मानबेला के किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के मुद्दे पर बोर्ड में चर्चा हुई.

जिला जज की अदालत ने बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आदेश दिया है. बोर्ड में फैसला लिया गया कि पहले कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में मुआवजा देने पर आने वाले वित्तीय भार का आकलन किया जाएगा. उसी के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि मुआवजा दे दिया जाए या आगे अपील हो.

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साथ ही रामगढ़ ताल के 500 मीटर दायरे में लंबे समय से मानचित्र पास होने पर लगी रोक तो हट गई है लेकिन इस क्षेत्र में हाई रिस्क (व्यवसायिक एवं ऐसे क्षेत्र के नक्शे जिनका मानचित्र पास न हो) के मानचित्र के बदले अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है.

बुधवार को हुई गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया कि मानचित्र पास करते समय पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखा जाएगा. पर्यावरण के साथ ही रामगढ़ताल के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मानचित्रों पर अधिभार लगाया जा सकता है. इसके लिए एक कमेटी बनायी जाएगी जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी.

लो रिस्क क्षेत्र में यह अधिभार लागू नहीं होगा. मानचित्र पास होने का रास्ता खुलने से हजारों लोगों को राहत मिल सकेगी. साथ ही बोर्ड ने फैसला लिया है कि महायोजना 2031 में ग्रीन बेल्ट महायोजना 2021 में उल्लिखित क्षेत्रफल से कम नहीं होगा यानी क्षेत्रीय पार्कों की संख्या में भी कमी नहीं होगी.

बैठक में वर्ष 2021-22 के लिए 372 करोड़ रुपये आय के सापेक्ष 371 करोड़ के व्यय का बजट पास किया गया. इसके साथ ही बोर्ड को बताया गया कि कोरोना काल के बावजूद जीडीए की आय में पिछले साल की तुलना में वृद्धि हुई है. मंडलीय कार्यालय के लिए कंसलटेंट हायर करने के लिए भी मंजूरी मिली है.

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