गोरखपुर…कैंसर मरीजों को डाक्‍टर्स-डे पर तोहफा, सिटी में मिलेगी बेहतर इलाज की सुविधा

गोरखपुरः कैंसर से पीडि़त मरीजों को ईलाज के लिए दिल्‍ली, मुंबई और चेन्‍नई जैसे अत्‍याधुनिक चिकित्‍सीय सुविधाओं से लैस महानगरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा. गोरखपुर के बांसगांव से विधायक और सिटी हास्पिटल के डायरेक्‍टर डा. विमलेश पासवान की पहल पर सिटी हा‍स्पिटल की टीम ने चिकित्‍सकों की ऐसी टीम तैयार की है, जो किसी भी अस्‍पताल में कैंसर पीडि़त मरीजों को बेहतर इलाज के साथ उनका आपरेशन भी करेंगे. पूर्वी यूपी में ओरल कैंसर के अधिक मामले होने की वजह से चार साल पहले यहां पर आने वाले फोर्टिस और मेदांता के चिकित्‍सकों की टीम को एक साथ जोड़कर सिर्नेजी (Synergy) इंस्‍टीट्यूट ऑ कैंसर केयर एण्‍ड रिसर्च की स्‍थापना की है.

सिटी अस्‍पताल गोरखपुर का एक अंग सिर्नेजी (Synergy) इंस्‍टीट्यूट ऑ कैंसर केयर एण्‍ड रिसर्च डाक्‍टर्स डे के दिन मोहद्दीपुर स्थित एक होटल में दीप प्रज्‍ज्‍वलन कर फोर्टिस हास्पिटल के चिकित्‍सक डा. राहुल भार्गव, सिटी हास्पिटल के डायरेक्‍टर डा. एके मल्‍ल, डा. विमलेश पासवान, डा. आलोक तिवारी, डा. सौरभ मिश्रा, डा. अंजलि जैन और अन्‍य चिकित्‍सकों ने दीप प्रज्‍जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्‍भ किया. फोर्टिस के चिकित्‍सक डा. राहुल भार्गव ने बताया कि किस तरह से यहां के मरीजों को यहां पर बेहतर ईलाज मिल सकेगा. इसके साथ बाहर जाकर ईलाज कराने पर आने वाले खर्च की बचत हो सकेगी.

विशिष्‍ट अतिथि के रूप में अपना मार्गदर्शन देने के लिए इस मौके पर उपस्थित हुए सिटी हास्पिटल के डायरेक्‍टर और बांसगांव से भाजपा विधायक डा. विमलेश पासवान के भाई बांसगांव सांसद कमलेश पासवान ने कहा कि बहुत हर्ष का विषय है‍ कि सिटी हास्पिटल के सौजन्‍य से कैंसर इंस्‍टीट्यूट का शुभारम्‍भ बहुत बड़ी पहल है. गोरखपुर ही नहीं पूर्वांचल के मरीजों के लिए भी ये वरदान साबित होगा. गरीब परिवार में जब किसी को कैंसर हो जाता है, तो उसे बाहर ईलाज करा पाना मुश्किल हो जाता है. उन्‍होंने कहा कि ऐसे मरीजों के लिए काफी सुविधा होगी. बेहतर सुविधा देने के लिए ही सिटी हास्पिटल की नींव रखी गई है. उनके पिता का भी यही सपना रहा है.

सिटी हास्पिटल के डायरेक्‍टर और बांसगांव से भाजपा विधायक डा. विमलेश पासवान ने कहा कि डाक्‍टर्स डे पर ये बहुत ही सुंदर और अनुभव पहल है. सिटी हास्पिटल के सौजन्‍य से आज सिर्नेजी (Synergy) इंस्‍टीट्यूट ऑ कैंसर केयर एण्‍ड रिसर्च के भव्‍य शुभारंभ किया गया है. कैंसर के मरीजों की संख्‍या काफी तेजी से बढ़ रही है. इलाज में देरी की वजह से मरीज स्‍टेज दो और तीन में पहुंच जाते हैं. इससे मरीज नहीं बल्कि पूरा परिवार पीडि़त हो जाता है. ये ऑटोनामस बाडी है. ये विंग स्‍वतंत्र है. किसी भी अस्‍पताल में कैंसर मरीज के लिए ईलाज के लिए ये टीम उपलब्‍ध रहेगी. उन्‍होंने कहा कि बतौर विधायक 320 मरीजों को ईलाज के लिए सरकार की ओर से ईलाज के लिए रुपए उपलब्‍ध करा चुके हैं. ऐसे में ये काफी अनुभव प्रयास है.

सिटी अस्‍पताल के सीनियर डायरेक्‍टर और फिजिशियन डा. एके मल्‍ल ने कहा कि कैंसर एक ऐसा रोग है जिससे परिवार के सभी लोग परेशान हो जाते हैं. कैंसर के स्‍पेशलिस्‍ट को एक छत के नीचे लाने का प्रयास किया गया है. ये स्‍पेशलिस्‍ट चिकित्‍सक बाहर से आकर आपरेशन कर वापस चले जाते रहे हैं. अब वे स्‍थायी रूप से यहीं पर रहेंगे. अंको सर्जन, अंको मेडिसिन, गाइनो और अन्‍य तरह के कैंसर के स्‍पेशलिस्‍ट चिकित्‍सक सिटी हास्पिटल में उपस्थित रहेंगे. सेनर्जी एक ऐसा इंस्‍टीट्यूट है, जो किसी भी दूसरे अस्‍पताल में भी ईलाज देगा. कैंसर का इलाज बहुत महंगा हो जाता है. सर्जरी, रेडियो और कीमोथेरेपी की वजह से बहुत महंगा हो जाता है. उन्‍होंने बताया कि विधाय‍क निधि और सरकार की आयुष्‍मान भारत योजना के तहत काफी मरीजों को लाभ मिलता है.

सिटी हास्पिटल के डायरेक्‍टर डा. आलोक तिवारी ने बताया कि चार साल पहले जब वे यहां पर फोर्टिस अस्‍पताल की नौकरी छोड़कर से कैंसर मरीजों के उपचार के लिए यहां पर संभावनाओं को तलाशने आए थे, तो इसकी शुरुआत यहां पर सिटी अस्‍पताल से हुई. डाक्‍टर्स डे पर ये गोरखपुर और आसपास के कैंसर मरीजों के लिए लाभकारी होगा. उन्‍होंने बताया कि गोरखपुर में बड़े से बड़े कैंसर और ओरल कैंसर के आपरेशन अब संभव हो गए हैं. उन्‍होंने बताया कि कुछ ही माह में उन्‍होंने 35 आपरेशन किए हैं. इसमें कई बड़े आपरेशन भी हैं. खान-पान बेहतर रखने के साथ पान मसाला और अल्‍कोहल के सेवन को बंद करने के साथ 8 से 9 घंटे की नींद से कैंसर से बचा जा सकता है.

Related Articles

Back to top button