गोंडा: डायरिया का कहर, अब तक आधा दर्जन लोगों की मौत

गोड्डा. झारखंड के गोड्डा जिले के एक गांव में डायरिया के प्रकोप से दहशत का माहौल है. छोटी कल्‍याणी गांव में डायरिया लगातार पांव पसार रहा है. बीमार लोग अस्‍पतालों का चक्‍कर लगाने को मजबूर हैं. तकरीबन आधा दर्जन लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है. बताया जाता है कि गांव में गंदगी के कारण डायरिया फैला है. खासकर दूषित पानी पीने के कारण बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. सड़क से लेकर लोगों के घरों के दरवाजों पर कीचड़ और गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

ग्रामीणों की मानें तो तककरीबन 12 से 13 लोग डायरिया से ग्रसित हैं. इस बीमारी से तकरीबन आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. बीती रात भी एक एक शख्‍स की हालत बिगड़ी तो उसे अस्पातल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. छोटी कल्‍याणी के ग्रामीण मनोज मांझी ने बताया कि काफी लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. अभी तक कइयों की जान तक जा चुकी है. मनोज के पिता की भी डायरिया से मौत हो चुकी है.

मनोज मांझी ने बताया कि जब उनके पिता की तबीयत बिगड़ी तो रात के 12 बजे उन्हें अस्पातल में एडमिट कराया गया. इसके बावजूद वह सुबह का सूरज नहीं देख सके. डॉक्‍टरों की निगरानी में रहने के बावजूद सुबह होते ही अस्‍पताल में उनकी मौत हो गई.

गोड्डा जिले के छोटी कल्‍याणी गांव में गंदगी का अंबार है. लोग दूषित पानी पीने को भी मजबूर हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव से सदर अस्पताल त‍करीबन 12 किलोमीटर दूर है. यातायात का उचित साधन नहीं होने के कारण बीमार लोग पहले झोलाछाप डॉक्टर से ही इलाज करवाते हैं. स्थिति अनियंत्रित होने पर सदर अस्पताल जाते हैं. गांववालों ने स्‍वास्‍थ्‍य विभाग पर भी कोताही बरतने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम आती भी है तो बस उन लोगों के ही घर जाती है, जहां मरीज है. लेकिन, डायरिया पूरे गांव में फैल रहा है.

जिला स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सिविल सर्जन मंटू टेकरीवाल ने बताया के उन्हें जैसे ही सूचना मिलती है, वह गांव में टीम भेजकर जांच करवाते हैं. जिला प्रशासन को भी इसकी सूचना दी जाती है कि गांव में काफी गंदगी है, फिर भी कंट्रोल नहीं हो पा रहा.

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