किस मजहब के लोग सबसे ज्यादा छोड़ रहे अपना धर्म ? प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट ने उड़ाए होश, हैरान कर देंगे आंकड़े

प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा 36 देशों में किए गए एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, विश्व स्तर पर बड़ी संख्या में लोग अपने पारंपरिक धर्मों को छोड़कर नास्तिकता या “कोई धर्म नहीं” की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस प्रवृत्ति में ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है, विशेषकर यूरोप, उत्तरी अमेरिका और लैटिन अमेरिका के देशों में।
यूरोप में ईसाई धर्म से विमुखता
यूरोप के कई देशों में ईसाई धर्म छोड़ने वालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्यू रिसर्च के अनुसार:
- इटली में 28.7% लोगों ने अपने पारंपरिक धर्म को त्याग दिया है और अब वे नास्तिक हैं।
- जर्मनी में यह आंकड़ा 19.8% है।
- स्पेन में 19.6% और स्वीडन में 16.7% लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ दिया है।
इनमें से अधिकांश लोग जन्म से ईसाई थे, जो अब किसी भी धर्म में विश्वास नहीं रखते।
अन्य देशों में भी समान प्रवृत्ति
यूरोप के अलावा, अन्य देशों में भी यह प्रवृत्ति देखी गई है:
- चिली में 15% और मेक्सिको में 13.7% लोगों ने अपने पारंपरिक धर्म को त्यागा है।
- नीदरलैंड में यह आंकड़ा 12.6% है।
- यूके में लगभग 12% लोग अब नास्तिक हैं।
- जापान में 10.7%, ग्रीस में 10.2% और कनाडा में 9.5% लोगों ने अपने धर्म को छोड़ दिया है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि यह प्रवृत्ति वैश्विक स्तर पर फैल रही है।
ईसाई धर्म पर विशेष प्रभाव
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि धर्म छोड़ने वालों में सबसे अधिक संख्या ईसाई धर्म के अनुयायियों की है। उदाहरण के लिए, इटली में 28.4% लोगों ने ईसाई धर्म त्यागा है, जबकि केवल 1% ने ईसाई धर्म अपनाया है। जर्मनी में भी 19.7% ईसाई अब खुद को नास्तिक बताते हैं।
संभावित कारण
धर्म से विमुखता के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- शिक्षा का प्रभाव: उच्च शिक्षा प्राप्त लोग अधिक तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, जिससे वे धार्मिक विश्वासों पर प्रश्न उठाते हैं।
- राजनीतिक प्रभाव: कुछ देशों में धर्म और राजनीति के घनिष्ठ संबंध के कारण लोग धर्म से दूरी बना रहे हैं।
- सांस्कृतिक परिवर्तन: आधुनिक समाज में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्म-निर्णय को अधिक महत्व दिया जा रहा है, जिससे पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं में विश्वास कम हो रहा है।
भविष्य की दिशा
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो आने वाले दशकों में ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या में और गिरावट आ सकती है। हालांकि, कुछ देशों में यह गिरावट स्थिर हो गई है, लेकिन वैश्विक स्तर पर धर्म से विमुखता की प्रवृत्ति जारी है।
प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षणों से स्पष्ट है कि वैश्विक स्तर पर लोग पारंपरिक धर्मों, विशेषकर ईसाई धर्म, से विमुख हो रहे हैं और नास्तिकता या “कोई धर्म नहीं” की ओर अग्रसर हो रहे हैं। यह प्रवृत्ति समाज, संस्कृति और राजनीति के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर रही है और भविष्य में धार्मिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकती है।