खाने की लाइन में खड़े लोगों पर बरसा इजरायली टैंक का कहर.. 45 की दर्दनाक मौत, मंत्रालय का दावा

गाजा पट्टी एक बार फिर तबाही की चपेट में है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार को एक इजरायली टैंक के हमले में 45 फिलीस्तीनी नागरिक मारे गए। ये सभी लोग मानवीय सहायता ट्रकों का इंतजार कर रहे थे। यह हमला उस वक्त हुआ जब नागरिक सहायता सामग्री के वितरण स्थल पर इकट्ठा थे। इस हमले में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। गाजा में हालात पहले से ही भयावह बने हुए हैं, और इस हमले ने मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है।
युद्धविराम वार्ता एक बार फिर विफल, इजरायल और हमास अपने-अपने रुख पर कायम
गाजा में बढ़ते तनाव के बीच युद्धविराम की संभावनाएं फिर से धुंधली हो गई हैं। मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में चल रही बातचीत एक बार फिर किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी। इजरायल और हमास अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं, जिसके चलते समझौता मुश्किल होता जा रहा है। इजरायल जहां हमास से बंधकों की रिहाई को प्राथमिकता दे रहा है, वहीं हमास पहले पूर्ण युद्धविराम और गाजा से इजरायली सेना की वापसी की मांग कर रहा है। इस टकराव के चलते हजारों निर्दोष नागरिकों की जान पर बन आई है।
मानवीय संकट चरम पर, विश्व समुदाय की चुप्पी पर सवाल
गाजा में लगातार हो रही हिंसा और नागरिकों की मौतों के बावजूद वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया सीमित रही है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सिर्फ ‘गंभीर चिंता’ जताई है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात में कोई ठोस बदलाव नहीं हो रहा। स्थानीय संगठनों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाजा में चिकित्सा सुविधाएं समाप्त होने की कगार पर हैं, जबकि खाद्य और जल संकट गंभीर होता जा रहा है।
संघर्ष की कीमत चुका रहे हैं मासूम नागरिक
गाजा और इजरायल के बीच चल रहे इस लंबे संघर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों को हो रहा है। लगातार हमलों, भूख, भय और असुरक्षा के बीच जी रहे लोगों के लिए यह टैंक हमला एक और त्रासदी लेकर आया है। जब तक दोनों पक्षों के बीच स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक इस मानवीय संकट का अंत होता नहीं दिख रहा है। युद्धविराम वार्ता का बार-बार विफल होना केवल यह साबित करता है कि राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी से हजारों जानें जोखिम में पड़ रही हैं।