पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को 3 साल की सजा, एक लाख के मुचलके पर मिली जमानत

नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे समेत चार आरोपितों को सजा सुनाने के बाद जमानत दे दी है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपितों ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे। उसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपितों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।

कोर्ट ने दिलीप रे समेत चार आरोपितों को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई है। स्पेशल जज भरत पराशर ने इस मामले में फैसला सुनाया। पिछले 6 अक्टूबर कोर्ट ने दिलीप रे समेत चार लोगों और दो कंपनी को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा तीन आरोपितों को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम और कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने दिलीप रे पर दस लाख रुपये, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम पर दो-दो लाख रुपये और महेन्द्र अग्रवाल पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने दोषी कंपनी कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस पर 60 लाख रुपये और और कैस्ट्रॉन माईनिंग लिमिटेड पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

पिछले 6 अक्टूबर को कोर्ट ने 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिया था। यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है। ये कोयला ब्लॉक कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित की गई थी। दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे।

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