योगी कैबिनेट में पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को मिल सकती है एंट्री

आगरा ग्रामीण सुरक्षित सीट से विधायक बनीं बेबी रानी मौर्या का नाम इस समय सुर्खियों में

आगरा. उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ सत्‍ता में वापसी कर ली है. वहीं, आगरा की सभी 9 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने 2017 की तरह इस बार भी कब्जा किया है. इस बीच आगरा ग्रामीण सुरक्षित सीट से विधायक बनीं बेबी रानी मौर्या का नाम इस समय सुर्खियों में बना हुआ है. लखनऊ में उनका नाम जोरशोर से चल रहा है.

सूत्रों के द्वारा बताया जा रहा है कि पार्टी उनको उपमुख्यमंत्री बना सकती है. हालांकि पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्या के जीतने के बाद उनके घर पर उनसे मिलने वालों का तांता लगा हुआ है. बता दें कि वह दलित समुदाय से आती हैं और इसी वजह से भाजपा उनको बड़ा पद दे सकती है.

जानें बेबी रानी मौर्या का इतिहास

बेबी रानी मौर्या आगरा की पहली महिला मेयर बनी थीं. इसके बाद वह लगातार पार्टी में सक्रिय रही हैं. फिर उनको पार्टी के द्वारा उत्तराखंड के राज्यपाल का पद दिया गया था. हालांकि उसके बाद वह सक्रिय राजनीति में दोबारा वापस आई और उनको पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया. पार्टी ने उन पर भरोसा बरकरार रखा. दरअसल आगरा ग्रामीण सीट की जनता में भाजपा विधायक हेमलता दिवाकर को लेकर रोष था. इस बीच पार्टी ने उनको टिकट न देकर पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को टिकट दिया है. वहीं, उन्होंने 76608 वोट से जीत हासिल की. जबकि इस सीट पर बसपा की किरण केसरी दूसरे नंबर पर रहीं.

डबल इंजन की सरकार पर था भरोसा

राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से बात की तो उन्होंने बताया कि हमें अपनी डबल इंजन की सरकार पर भरोसा था. जितने काम हमारी सरकार ने दलितों, पिछड़ों और किसानों के लिए किए है, उतना किसी ने नहीं किया है. यही कारण है एक बार फिर से हमने यूपी में प्रचंड जीत हासिल की है. इसके साथ उन्होंने कहा कि जिसने गलत काम किया, उस पर बुलडोजर चला है. इस बार भी अगर कोई गलत काम करेगा तो बुलडोजर का काम जारी रहेगा. नई सरकार बनी है. जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन होगा. वहीं, डिप्टी सीएम बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी अभी हमें नहीं दी गई है.

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