पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग फिर से उठाई

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय जातिगत जनगणना को लेकर सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी पिछले कई दिनों से इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है, योगी सरकार से सवाल पूछ रही है।इसी कड़ी में अब नेता प्रतिपक्ष और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर एक नया दांव चल दिया है।उनकी तरफ से सदन में ही खुलकर इस मुद्दे पर विरोधियों का समर्थन मांगा गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि रामराज्य और समाजवाद तभी संभव है, जब जातिगत जनगणना हो।उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना होने के बाद ही सबका साथ, सबका विकास संभव हो पाएगा।अखिलेश यादव ने कहा, जातीय जनगणना से ही भाईचारा आएगा जातीय जनगणना से ही भेदभाव खत्म होगा, जातीय जनगणना से ही लोकतंत्र मजबूत होगा। जातीय जनगणना से ही समाजवाद आएगा। जातीय जनगणना से ही रामराज्य आएगा।

यही नहीं अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि महंगाई, बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। हर चीज के दाम बढ़ गये हैं। जनता परेशान है। बिजली के गलत बिल आ रहे हैं। भाजपा सरकार ने शहरों में न सफाई का कोई इंतजाम किया और न ही कूड़े के निस्तारण की समुचित व्यवस्था की है। केन्द्र और प्रदेश सरकार से जो सफाई के लिए बजट आया उसका इन लोगों ने क्या किया। शहरों में हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और बिजली का बिल महंगा देना पड़ रहा है। शहरों में भाजपाई तालाबों पर कब्जा कर अवैध निर्माण करा रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा देश की जनता दु:खी है। लोकसभा में बड़ा परिवर्तन दिखाई देगा। भाजपा उत्तर प्रदेश में हारकर जाएगी।

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