फ्लेवर्ड मिल्क पर 12% GST:मजे से गटकें लस्सी और छाछ, इन पर नहीं लगता है टैक्स

अगर आप फ्लेवर्ड मिल्क और लस्सी, दोनों के शौकीन हैं, तो यह खबर आपके लिए है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लस्सी पर GST नहीं लगता, लेकिन फ्लेवर्ड मिल्क पर 12% का टैक्स है। जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (AAR-गुजरात) ने इस बाबत हाल ही में एक आदेश जारी करके टैक्स के कनफ्यूजन को दूर करने की कोशिश की है।

किस मामले में आया AAR का आदेश?

दूध से बनने वाले किन उत्पादों पर कितना जीएसटी लगता है, इसको लेकर वलसाड की डेयरी कंपनी- संपूर्ण डेयरी एंड एग्रोटेक ने जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स से संपर्क किया था। यह कंपनी चार फ्लेवर में लस्सी बेचती है: पहला- प्लेन, बिना चीनी या नमक वाला। दूसरा- नमक और जीरा वाला; तीसरा, चीनी मिला स्ट्रॉबेरी फ्लेवर; और चौथा चीनी मिला ब्लूबेरी फ्लेवर।

कंपनी ने AAR से किया था कौन सा सवाल?

कंपनी ने जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स से पूछा था कि क्या उनके ये प्रॉडक्ट लस्सी की कैटेगरी में आते हैं और हां तो उस पर किस रेट से जीएसटी लगेगा। दरअसल, उसकी लस्सी के पैकेज पर लिखा होता है कि वह टोंड मिल्क, मसाले, पुदीना, हरी मिर्च, अदरक, नमक, एक्टिव कल्चर, नेचुरल फ्लेवर से बना है और यह डेयरी बेस्ड फर्मेंटेड ड्रिंक है।

फ्लेवर्ड मिल्क का क्लासिफकेशन लस्सी से अलग

इस पर AAR की गुजरात बेंच ने कहा है कि लस्सी दही, मसाले और पानी से बनता है। लेकिन, फ्लेवर्ड मिल्क की क्लासिफकेशन दही, लस्सी और छाछ से अलग है और इन पर जीएसटी नहीं लगेगा। क्लासिफिकेशन की जटिलताओं को देखते हुए AAR की कई बेंच पहले अपने आदेशों में कह चुकी हैं कि फ्लेवर्ड मिल्क GST फ्री नहीं है।

दूध, चीनी और फ्लेवर से बने फ्लेवर्ड मिल्क पर 12% GST

AAR की गुजरात बेंच ने अमूल के मामले में कहा था कि फ्लेवर्ड मिल्क (दूध, चीनी और फ्लेवर से बने) पर 12% का GST लगेगा। एक टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, ‘फ्लेवर्ड मिल्क और लस्सी दोनों ही डेयरी प्रॉडक्ट हैं, लेकिन क्लासिफिकेशन की जटिलताओं की वजह से दोनों को अलग ट्रीटमेंट मिलता है।’

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