लखनऊ में भयंकर कोरोना विस्फोट, मेदांता अस्पताल के 40 स्टाफ पॉजिटिव, मचा हड़कंप

को 5 दिनों की छुट्टी देकर क्वारंटाइन रहने का निर्देश दिया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव  से पहले राजधानी लखनऊ में कोरोना का भयंकर विस्फोट हुआ है. लखनऊ के मेदांता अस्पताल में कोरोना का ऐसा कहर दिखा है कि एक साथ करीब 40 मेडिकल स्टाफ संक्रमित पाए गए हैं. मेदांता अस्पताल के 40 स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और राहत की बात यह है कि ये सभी असिम्प्टोमेटिक हैं. ये सभी रैंडम टेस्टिंग में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. अस्पताल की तरफ से सभी संक्रमितों को 5 दिनों की छुट्टी देकर क्वारंटाइन रहने का निर्देश दिया गया है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में तेजी से कोरोना वायरस अपना पांव पसार रहा है. लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. मेदांता अस्पताल में यह कोरोना विस्फोट ऐसे वक्त में हुआ है, जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. पार्टियां एक ओर जहां चुनावी प्रचार कर रही हैं, वहीं आयोग तारीखों के ऐलान को लेकर मंथन कार्य में जुटी है.

कल कितने केस आए

दरअसल, उत्तर प्रदेश में भी कोरोना की रफ्तार डराने लगी है. उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 572 नए मामले सामने आए हैं. राहत की बात बस यही है कि 24 घंटे के दौरान एक भी मौत की सूचना नहीं है. वहीं, इस दौरान 34 लोग डिस्चार्ज हुए हैं. इस दौरान सक्रिय मामलों की संख्या 2,261 है. इससे पहले रविवार को 552 नये केस मिले थे.

यूपी में कोरोना की रफ्तार

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, पिछले 24 घंटे में गाजियाबाद में सर्वाधिक 130, गौतमबुद्धनगर में 101, लखनऊ में 86, मेरठ में 49 और आगरा में 33 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि एक जनवरी को गाजियाबाद में कोरोना संक्रमितों की संख्या 85, गौतमबुद्धनगर में 61, लखनऊ में 58, मेरठ में 48 और आगरा में उपचाराधीन मरीजों की संख्या छह थी. सोमवार को जहां राज्य में 2,261 उपचाराधीन मरीज हैं वहीं एक जनवरी को उपचाराधीन मरीजों की संख्या सिर्फ 1,211 थी.

अपर मुख्‍य सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) अमित मोहन प्रसाद के अनुसार कोरोना संक्रमण दर में निरंतर वृद्धि हो रही है और रविवार को संक्रमण दर 0.4 प्रतिशत रही जो पिछले 15-20 दिनों में काफी तेजी से बढ़ी है. उन्होंने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या दो हजार से अधिक हो गई है. हालांकि उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि अभी अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की संख्या न्यूनतम है और घर पर ही उपचार से लोग ठीक हो रहे हैं.

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