फर्रुखाबाद जेल में कैदियों का उपद्रव:साथी की मौत से गुस्साए कैदियों ने लगाई आग,

डिप्टी जेलर को पीटा, पथराव में 30 सिपाही घायल

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फर्रुखाबाद जिला जेल में साथी की मौत पर कैदियों ने रविवार सुबह जमकर उपद्रव किया है। कैदियों ने तोड़फोड़ कर पूरी जेल पर कब्जा कर लिया। इस दौरान आगजनी की गई। धुआं उठता देख अलार्म बजाया गया। पुलिसकर्मी कैदियों को काबू करने के लिए दौड़े तो उन्होंने पथराव कर दिया।

मेन गेट पर भी कैदियों ने कब्जा कर लिया। कैदियों ने डिप्टी जेलर शैलेश सोनकर से मारपीट की है। इस दौरान जेलर अखिलेश कुमार का सरकारी मोबाइल मौके पर छूट गया। सूचना है कि कैदी जेलर के मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं जेल अधीक्षक के ऊपर कैदियों पर फायरिंग करने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि उनके द्वारा फायरिंग में गोली लगने से तीन कैदी घायल हुए हैं।

जेल में हुई हिंसा के दौरान 30 सिपाही घायल हुए हैं। कैदी लगातार पथराव कर रहे हैं। जिसमें यह सिपाही चोटिल हुए हैं। पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा ने बताया कि जेल की स्थिति पर काबू कर लिया गया है।

बवाल को शांत कराने के लिए फोर्स मौके पर पहुंची।

इलाज के दौरान हुई थी कैदी की मौत
फतेहगढ़ सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक प्रमोद शुक्ला ने बताया कि फर्रुखाबाद के मेरापुर थाना क्षेत्र निवासी संदीप हत्या के मामले में जिला जेल में बंद था। उसे कुछ दिन पहले डेंगू हुआ था। हालत बिगड़ने पर उसे सैफई रेफर किया गया था, जहां शनिवार शाम उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सुबह 8 बजे नाश्ते के समय जेल के कैदियों को इसकी जानकारी हुई। जिसके बाद कैदियों ने संगठित रूप से उपद्रव शुरू कर दिया।

जेल अधिकारियों पर हमला किया, डिप्टी जेलर को पीटा

कैदियों ने अधिकारियों पर हीलाहवाली का आरोप लगाते हुए जेल अधिकारियों पर हमला कर दिया। जिसमें डिप्टी जेलर को पीटा भी गया। डिप्टी जेलर घायल हुए हैं। यही नहीं कैदियों ने जेल में आगजनी भी की है। कैदियों ने जेल में तोड़फोड़ कर कब्जा कर लिया। डीएम और एसपी भी पहुंचे हैं, लेकिन मेन गेट पर कब्जा होने के कारण पुलिस अंदर नहीं जा पा रही है। कैदी लगातार पुलिस पर पथराव कर रहे हैं। पुलिस भी बचाव में फायरिंग कर रही है। जेल में बवाल के दौरान हुए पथराव से थाना मऊदरवाजा का सिपाही जितेंद्र कुमार भी घायल हो गया है।

कैदियों का आरोप है कि डेंगू पीड़ित कैदी संदीप के इलाज में लापरवाही बरती गई है। संदीप को डेंगू था। उसे समय से इलाज नहीं मिला। इसलिए उसकी मौत हो गई। दिवाली के दिन सही भोजन न दिए जाने का भी कैदियों ने आरोप लगाया है। उनका कहना है कि दिवाली पर अहाते न खोले जाने से कैदी अन्य लोगों से मिल नहीं सके थे।

जेल की छतों से हालात पर काबू करने की कोशिश करते पुलिसकर्मी।

हिंसा की जांच होगी
पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा ने बताया कि जेल में हुई हिंसा के दौरान 30 सिपाही घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा बवाल बैरक नंबर 9 में हुआ है। कैदियों ने मेन गेट से लेकर जेल के अंदर तक अलग अलग हिस्सों में आगजनी की है। डिप्टी जेलर शैलेश पंकज को कैदियों ने पीटा है। जिसमें वह घायल हुए हैं। जेल अधीक्षक के ऊपर कैदियों को गोली मारने का भी आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि उनके द्वारा फायरिंग में तीन कैदी घायल हुए हैं। पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा ने बताया कि यह जांच का विषय है। अभी कैदी बैरक में हैं। उन्होंने बताया कि जेल की स्थिति पर काबू कर लिया गया है।

कैसे शुरू हुआ बवाल
08 बजे: बैरक नंबर 9 में नाश्ता बांटा जा रहा था। तभी मृतक के रिश्तेदार संजीव यादव बवाल करने लगा। उसने जेलकर्मियों पर हमला बोल दिया गया। जिसमें डिप्टी जेलर घायल हुए।
8.30 बजे: सभी थानों की फोर्स और सेंट्रल जेल से सुरक्षाकर्मी मौके पर भेजे गए। कैदियों ने बैरक के अंदर से ही पथराव और सरिया आदि फेंकना शुरू कर दिया। बैरक नंबर 2 में भी काफी बवाल हुआ है।
8.45 बजे: कैदी मेन गेट पर आ गए वहां आगजनी की। अंदर जगह-जगह आगजनी की गई। लगभग 3 घंटे तक कैदियों ने जेल में उत्पात मचाए रखा है। इस समय स्थिति काबू में है।

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