राजस्थान के इस गांव में आजादी के 74 साल बाद अब पहुंची है बिजली

बूंदी. कोचिंग सिटी कोटा से सटे बूंदी जिले के कोचरिया गांव में दिवाली (Diwali) से पहले ही ‘दिवाली’ मनाई जा रही है. यहां आजादी के 74 साल बाद दो दिन पहले ही पहली बार बिजली (Electricity) का पहला बल्ब जला है. गांव में बिजली देखकर ग्रामीण फूले नहीं समाये और नाच गाकर इसका जश्न मनाया. 40 घरों की आबादी वाली इस गांव अब 15 घरों में विद्युत कनेक्शन भी जारी हो चुके हैं. शेष घरों को भी जल्द विद्युत आपूर्ति से जोड़ा जायेगा. बिजली के अभाव में यहां अपनी बेटियों को ब्याहने में कतराते थे। इसके कारण युवाओं की शादियों में भी काफी अड़चने आ रही थी.

सरपंच कांति बाई ने बताया कि कोचरिया गांव में करीब 40 घर हैं. इस गांव में अभी तक बिजली की सुविधा नहीं थी. ग्रामीण लंबे समय से इसके लिए प्रयासरत थे, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते सभी तरह के प्रयासों के बावजूद राहत नहीं मिल रही थी. बिजली नहीं होने के कारण रोजमर्रा का जीवन तो प्रभावित हो ही रहा था, बच्चों की शिक्षा में भी बाधा आती थी. गांव में बिजली नहीं होना युवाओं की शादी में बड़ी अड़चन भी बन रहा था. इस समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने करीब तीन माह पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बिरला को अपनी पीड़ा से अवगत करवाया था.

ग्रामीणों ने जताया लोकसभा अध्यक्ष बिरला का आभार
इस पर स्पीकर बिरला ने आश्वस्त किया था कि वे उनकी परेशानी को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. इसके बाद उन्होंने सभी तकनीकी बाधाओं को दूर करवाया जिससे गांव में दो दिन पहले शनिवार को विद्युत लाइन पहुंच गई और पहला बल्ब जला. अब रात के समय घरों को रोशन होते देख ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी के साथ संतोष भी है. उन्होंने वर्षों पुरानी इस मांग के पूरा होने पर शनिवार को कोटा स्थित कैंप कार्यालय में पहुंचकर लोकसभा अध्यक्ष बिरला का आभार जताया.

अब स्कूल के लिए भवन निर्माण बनाने की मांग की
ग्रामीणों ने अब लोकसभा अध्यक्ष बिरला से गांव के स्कूल के लिए भवन निर्माण का आग्रह किया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में स्कूल का भवन नहीं है। इस कारण शिक्षक बच्चों को खुले में पढ़ाते हैं। बरसात और सर्दी के दिनों में तो इस कारण काफी परेशानी होती है। बिरला ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वे इसके लिए प्रयास करेंगे.

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