वरदान साबित हो रहा है ई-संजीवनी ओपीडी, घर बैठे हो रहा है सभी बीमारी का इलाज

बेगूसराय, वैश्विक महामारी कोरोना ने पिछले साल से लोगों को काफी परेशान किया, रुलाया, कई घर बर्बाद हो गए। दो लहर आने के बाद अब तीसरी लहर आने की संभावना भी जताई जा रही है। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्वस्थ भारत अभियान में डिजिटल इंडिया ने कई बड़े काम किए। जिसके कारण लोग घर बैठे विभिन्न प्रकार की सेवाएं ले रहे हैं।

इसी कड़ी में स्वास्थ विभाग की एक बेहतरीन पहल शुरू हुई ई-संजीवनी सेवा। कोरोना काल में किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रसित मरीजों को घर बैठे ऑनलाइन चिकित्सकीय सलाह उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ई-संजीवनी ओपीडी एप की सुविधा दी है। गूगल प्ले स्टोर से एप डॉउनलोड करने के बाद मरीजों को अब डॉक्टरों के यहां का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है।

सभी बिमारी का घर बैठे चिकित्सकीय सलाह-

जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारी ने बताया कि इस एप के माध्यम से मरीज कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए भीड़-भाड़ में जाने के बजाय घर पर बैठे ही ऑनलाइन तरीके से ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाते हुए डॉक्टरों से सम्पर्क कर आवश्यक सलाह लेते हैं। कोरोना काल में इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर उमड़ने वाली भीड़ और इस दौरान कोरोना गाइड लाइन के तहत शारीरिक दूरी के नियम का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल एप के रूप में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में अनूठी पहल की गई है। इसमें 420 तरह की ओपीडी सेवा दी गई है।

क्या है ई-संजीवनी ओपीडी सेवा-

ई-संजीवनी ओपीडी भारत सरकार का प्रमुख टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म है, जिसे भारत सरकार के तत्वावधान में विकसित किया गया है और अच्छी तरह से काम कर रहा है। इस सेवा को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के तहत शुरू किया गया है। ई-संजीवनी से टेली-मेडिसिन कंसल्टेंसी से एक कंसल्टेंसी डॉक्टर की दूसरे डॉक्टर के साथ लोगों को सेवा उपलब्ध करवा रहा है। सीडीएसी द्वारा डिजाइन किए गए इस एप में तीन ऑप्शन दिखते हैं। पहला मरीज का रजिस्ट्रेशन एवं टोकन, दूसरा मरीज का लॉग इन तथा तीसरा प्रिस्क्रिप्शन।

खुद रजिस्ट्रेशन करके लें ओपीडी सेवाओं का लाभ-

ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल एप के रूप में नेशनल टेली कंसल्टेशन सर्विसेस (टेलीमेडिसिन) सेवाओं को विस्तार किया गया है। इस एप या वेबसाइट के जरिये मरीज खुद का रजिस्ट्रेशन करके ओपीडी सेवाओं का लाभ ले सकता है। इसमें जिला अस्पताल के साथ-साथ कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और प्राइवेट डॉक्टरों को भी रजिस्टर्ड किया गया है। इसमें मरीजों को डॉक्टरों का पूरा समय और परामर्श (कंसल्टेशन) मिलने इसका पूरा ध्यान रखा गया है। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और एएनएम को भी रजिस्टर्ड किया गया है, ताकि मरीज और उनके अटेंडेंट को वो जानकारी दे सकें। इस एप में डॉक्टरों को कॉल करने की भी सुविधा दी गई है।

क्या है ई-संजीवनी की प्रक्रिया-

गूगल प्ले स्टोर से ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल एप डाउनलोड करने के बाद नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद आने वाला ओटीपी मोबाइल में फीड करना होगा। ओटीपी देने के बाद पेशेंट रजिस्ट्रेशन और टोकन जनरेशन में नाम, पता, आयु संबंधी जानकारी दर्ज करनी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद अगले चरण में डॉक्टरों की लिस्ट चेक करें और उपलब्धता के आधार पर डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें। यहां ओके करने के बाद रजिस्टर्ड किए गए मोबाइल पर टोकन प्राप्त होगा, जो मरीज का वेटिंग है। इसके बाद डॉक्टर के फीड किए गए मोबाइल नंबर पर कॉल कर अपनी परेशानी के बारे में सलाह ले सकते हैं। यहां यदि डॉक्टर को पुरानी जांच रिपोर्ट, एक्स रे, अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट सहित अन्य रिपोर्ट दिखाना हो तो एप पर उसे अपलोड करने का भी विकल्प मौजूद है। एप के जरिये ही डॉक्टर अपना प्रिस्क्रिप्शन भी भेजेंगे, जिसमें डॉक्टर का डिजिटल साइन भी होगा, ताकि मरीज को दवाइयां लेने और जांच में कोई परेशानी नहीं हो।

इन मानकों का करें पालन, रहेगें संक्रमण से दूर-

– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।

– अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।

– निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।

– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।

– विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।

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