पंचायत चुनाव में सपा के इस गणित की वजह से बिगड़ गया भाजपा का समीकरण

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी लगभग हर पार्टी ने कर ली है, अब राजनीतिक पार्टियां धीरे-धीरे पत्ते भी अपने खोले रही हैं इसी के साथ समीकरण और रणनीति भी दिखाई दे रही है, सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है और उम्मीदवारों के लिए सदस्यों को खोजा जा रहा है, सदस्यों की मीटिंग हो रही है, बड़े-बड़े लुभावने दावे और वादे किए जा रहे हैं, मगर इस बीच सत्ता में मौजूद बीजेपी का समीकरण बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है आज आपको हम बताएंगे कि समाजवादी पार्टी ने ऐसी कौन सी गणित लगाई है जिससे बीजेपी का समीकरण बदल गया और पर्दे के पीछे किस बात की चिंता बीजेपी हाईकमान में छाई हुई है।

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रक्रिया जारी है, इस प्रक्रिया में पार्टियां भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जहां सत्ता में मौजूद बीजेपी पहले 75 के 75 जिलों में अपने जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का सपना देख रही थी, वही अब 20 प्लस जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में भी बीजेपी को पापड़ बेलने पड़ रही है।

उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत के चुनाव में जहां मुख्य विपक्षी पार्टी सपा पहले स्थान पर पहुंच गई वहीं भाजपा और बसपा दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे, इस दौरान भाजपा और बसपा ने एक समीकरण बनाया, जहां पर यह दिखाई दिया कि भाजपा को बसपा कहीं-कहीं समर्थन दे रही है, मगर बसपा से जीते हुए सदस्य भाजपा को समर्थन देने को तैयार नहीं दिखाई दे रहे थे और इसी समय को सपा ने भाप लिया और सीधा बसपा और अन्य छोटे दलों के सदस्यों से संपर्क कर लिया, अब यह बात जब भाजपा के आलाकमान को पता चली तो भाजपा के कुनबे में खलबली मच गई, जहां 75 जिला पंचायत अध्यक्ष जीतने का सपना देखा जा रहा था वहां तो आंकड़े 20 के पार भी नहीं जा पा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सपा ने अन्य छोटे दलों के सदस्यों को भी अपने में शामिल कराया जहां पहले से सपा; बसपा और भाजपा से लगभग डेढ़ सौ सीट ज्यादा आगे थी, अब अखिलेश के इस गणित ने भाजपा और बसपा की नींद उड़ा दी है, अब देखना यह होगा उत्तर प्रदेश के इस पंचायत चुनाव में किसका पलड़ा भारी दिखता है, फिलहाल नए नए समीकरण के बाण राजनीति में लगातार चल रहे हैं।

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