डॉ असित खन्ना ने बताया, ह्रदय की नली में ब्लॉकेज ऐसे होगा दूर

11 अक्टूबर 2021 यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद में आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस प्रेस वार्ता को हॉस्पिटल के क्लीनिकल डायरेक्टर प्रोफेसर डॉक्टर आर के मणि, प्रमुख इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ असित खन्ना ने संबोधित किया। इस वार्ता में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुज अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद थे। डॉ असित खन्ना ने बताया कि एक अनूठी पद्धति इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी के माध्यम से गाजियाबाद निवासी 55 वर्षीय ह्रदय रोगी की कैल्शियम जमा होने से बंद हो चुकी हृदय की खून की नली को अल्ट्रासोनिक वेव द्वारा, कैल्शियम के जमाव को चूर चूर कर उसे साफ कर उस नली में एंजियोप्लास्टि के माध्यम से सफलतापूर्वक स्टेंट लगाया गया। डॉ असित खन्ना ने बताया कि यह गाजियाबाद क्षेत्र में पहला केस है जिसे इस विधि द्वारा खोला गया है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी शायद इस विधि से अभी तक किसी ने मरीज का उपचार नहीं किया है।

डॉ असित खन्ना ने बताया कि सामान्यतयः मरीजों की ह्रदय की नली में ब्लॉकेज होने पर उसे एंजियोप्लास्टी कर बलूनीन्ग् एवं स्टेंटिंग कर खोल दिया जाता है, किंतु जिन मरीजों की नली में कैल्शियम जमा होने की वजह से एक कठोर प्लॉक जमा हो जाता है, या नली पथरा जाती है उनमें एंजियोप्लास्टी करने में बहुत दिक्कत आती है और उस नली को ऐसे ही छोड़ना पड़ जाता है किंतु इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी की विधि के माध्यम से अब उन प्रकार की पथराई हुई नलियों को खोला जा सकता है, उन्होंने बताया कि यह उसी प्रकार है जैसे कि हम गुर्दे की पथरी को लेजर विधि से लिथोट्रिप्सी कर तोड़ते हैं। क्लीनिकल डायरेक्टर डॉक्टर आरके मणि ने कहा कि यह क्रांतिकारी इलाज की पद्धति है जिससे ऐसे मरीजों को जिनमें हृदय की नलियों में कैलशिफाइड ब्लॉकेज है और उनकी बाईपास सर्जरी नहीं की जा सकती उनके लिए यह वरदान साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि इस विधि से 80 से 90% उपचार प्रक्रियाओं में सफलता मिल जाती है और मरीज सामान्य जीवन जी पाता है।

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