महाराजगंज में चौकी इंचार्ज समेत 12 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

चौकी इंचार्ज की शह पर नेपाल बॉर्डर से कनाडा की मटर तस्करी हो रही थी

पुलिस की मदद से कनाडा की मटर की तस्करी हो रही है।

पड़ोसी देश नेपाल से महाराजगंज में कनाडा के मटर की तस्करी में मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की गई। एसपी प्रदीप गुप्ता ने सिसवा चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार सिंह, दीवान छोटे लाल समेत 12 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है।

बताया जा रहा है कि कोठीभार थानाक्षेत्र में मटर की तस्करी हो रही थी। आरोप है कि सिसवा पुलिस चौकी प्रभारी के मटर तस्करों से रिश्ते अच्छे हैं। उन्हीं की शह पर तस्करी का खेल चल रहा था। दो दिन पहले सिसवा पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही शरद यादव ने वीडियो जारी कर मामले को उजागर किया था। इसके बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई।

जांच में आरोपी मिले 12 पुलिस वाले
एसपी प्रदीप गुप्ता को निचलौल सीओ की जांच में सिसवा चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार सिंह समेत 12 पुलिसकर्मी दोषी मिले। इसमें दीवान छोटे लाल, सिपाही शरद यादव, बृजेश रावत, मुलायम चौहान, अभय शंकर यादव, रोशन यादव, अवनीश कृष्ण, आनंद कुमार यादव, प्रशांत पाल, राहुल गौतम और तूफान सिंह यादव भी शामिल हैं। इन सभी को लाइन हाजिर किया गया है।

चर्चा है कि उसी दिन तीन पिकअप मटर पकड़ी गयी थी, लेकिन थाने तक दो पिकअप ही पहुंची।

एक पिकअप मटर हो गई थी गायब
बताया जा रहा है कि बीते दिनों तीन पिकअप मटर पकड़ी गई थी, लेकिन थाने तक दो पिकअप ही पहुंची। एक पिकअप कहीं गायब हो गई। इसमें पुलिस का हाथ बताया जा रहा है। तस्करी में पुलिस की संलिप्ता मिलने के बाद पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है।

एक नजर में समझें ये हुए लाइन हाजिर

चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार सिंहदीवान छोटे लालसिपाही शरद यादव, बृजेश रावत, मुलायम चौहान, अभय शंकर यादव, रोशन यादव, अवनीश कृष्ण, आनंद कुमार यादव, प्रशांत पाल, राहुल गौतम और तूफान सिंह यादव।

एक कुंतल मटर में 1500 से 2000 तक की बचत
सूत्रों के मुताबिक, कनाडा का मटर नेपाल पहुंचने तक 3 हजार रुपए कुंतल तक की हो जाती है। भारतीय बाजारों में यह आसानी से 5500 रुपए कुंतल में बिक जा रही है। ट्रांसपोर्ट का खर्च निकाल कर एक कुंतल मटर में करीब 2000 रुपए की बचत हो जाती है। नेपाल में कनाडा की मटर का बड़ा बाजार है। कुछ भारतीय व्यापारी अवैध रूप से नेपाल में सस्ते दर पर मटर की खरीदारी करते हैं। बाद में इसे दाल के रूप में बदलकर भारतीय मटर की दाल के दर पर बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं।

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