क्या आपको पता है कि 15 अगस्त व 26 जनवरी पर तिरंगा फहराने में क्या अंतर होता है?

News Nasha

75th Independence Day 2022: हर साल 15 अगस्त को हम धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021) मनाते हैं। इस बार स्वतंत्रता दिवस और भी खास है, क्योकिं हिन्दुस्तान आजादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है। इस जश्न को आजादी का अमृत महोत्सव नाम दिया गया है। आजादी की 75वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए सरकार ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चला रही है। इसके लिए देशभर के 25 करोड़ से ज्यादा घरों में तिरंगा फहराया जाना है। राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की शान और गौरव का प्रतीक है। हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है, लेकिन दोनों ही मौकों पर झंडा फहराने में अंतर होता है। क्या आप जानते हैं दोनों राष्ट्रीय दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है? अगर नहीं, तो आइए हम आपको उन अंतरों के बारे में बताते हैं…

पहला ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर:

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की ओर खींचा जाता है. इसके बाद फहराया जाता है। दरअसल, जिस दिन भारत को आजादी मिली थी उस दिन ब्रिटिश गवर्नमेंट ने अपना झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया था, इसलिए हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचा जाता है फिर फहराया जाता है। इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहते हैं। वहीं 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है. उसे केवल फहराया जाता है। यही वजह है की उसे ध्वजारोहण नहीं बल्कि झंडा फहराना कहते हैं।

दूसरा अंतर- प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति:
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराकर उसे नमन करते हैं। वहीं, 15 अगस्त को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं।

तीसरा अंतर- आयोजन स्थल:
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले पर किया जाता है। इस दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण के बाद लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजपथ पर किया जाता है।

15 अगस्त और 26 जनवरी:
भारत 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। देश की आजादी के लिए कई वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी। तब जाकर कहीं भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में सामने आया है। यही वजह है कि 15 अगस्त भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। आजादी के जश्न को मनाने के लिए हर साल यह पर्व मनाया जाता है। वहीं 26 जनवरी 1950 में इस दिन संविधान लागू किया गया था, इसके कई कारण थे। देश स्वतंत्र होने के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था। वहीं 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।

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