कोरोना के बाद अमेरिका में बढ़ी डायमंड एवं ज्वेलरी एडेड वॉच की डिमांड

निर्यात बढ़ा:सूरत प्रतिमाह एक्सपोर्ट कर रहा 5000 आर्टिकल, पहले 500 ही होते थे

अमेरिका में अश्वेत लोगों में हिप-होप ज्वेलरी की मांग, वे महंगी घडि़यों पर हीरे और ज्वैलरी लगाकर पहनना पसंद करते हैं।

डायमंड ज्वेलरी तथा कट-पॉलिश्ड हीरों में भारत के सबसे बड़े ग्राहक माने जाने वाले अमरीका में इन दिनों डायमंड ज्वेलरी की अच्छी मांग है। इसके चलते भारत से एक्सपोर्ट भी बढ़ा है। आजकल अमेरिका में डायमंड एडेड वॉच और थ्रीडी फेस ज्वेलरी की मांग होने के कारण सूरत के ज्वैलर्स को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं।

कोरोना के पहले सूरत से इस तरह की ज्वेलरी के करीब 500 आर्टिकल प्रतिमाह एक्सपोर्ट होते थे, जो कि अब लगभग 5000 तक पहुंच गए हैं। हीरा कारोबारियों के मुताबिक अमेरिका के अश्वेत लोगों में कोरोना के बाद ज्वेलरी की डिमांड बढ़ी है। खासतौर पर हिप-होप ज्वेलरी की डिमांड बढ़ी है। उन्हें महंगी घडियों पर ज्वेलरी एडेड कर पहनने का शौक है। अमेरिका के कारोबारी डिमांड के अनुसार डिजायन सूरत भेज देते हैं और यहां के डिमांड व्यापार उनकी पसंद की ज्वेलरी तैयार कर देते हैं।

कोरोना के पहले सूरत में करीब 300 डायमंड यूनिट थीं, जो अब 500 से अधिक हो गई हैं।

अमेरिका में सरकार ने मदद की तो ज्वैलरी की मांग बढ़ी
कोरोना के दौरान अमेरिका में ज्वेलरी की मांग बिल्कुल घट गई थी, लेकिन अब मार्केट वापस गति पकड़ रहा है। अब अमेरिका से आर्डर आ रहे हैं। बताया जाता है कि करोना के दौरान वहां की सरकार ने लोगों की आर्थिक मदद की थी। इसके बाद वहां हालात सुधरने के बाद बीते छह महीने से कट और पॉलिश्ड हीरे के साथ ज्वेलरी की मांग बढ़ी है।

सूरत में डायमंड यूनिट 300 से बढ़कर 500 हो गईं
सूरत में कोरोना के बाद से डायमंड ज्वेलरी का कारोबार बढ़ा है। कोरोना के दौरान मुंबई में हीरा कारोबार बंद रहने के कारण हीरा उद्यमियों को जो ऑर्डर मिले थे, वे समय पर पूरे नहीं हो सकते थे। इसके लिए हीरा उद्यमियों ने सूरत में भी अपने कारखाने शुरू कर दिए हैं। कोरोना के पहले सूरत में करीब 300 डायमंड यूनिट थीं, जो अब बढ़कर 500 से अधिक हो गई हैं। कई यूनिट सचिन के आसपास के क्षेत्रों में तो कई कतारगाम और वराछा क्षेत्र में हैं।

कोरोना के बाद लोग चीन का विकल्प ढूंढ रहे हैं। अमेरिका में चीन आयातित ज्वेलरी पर 22 %ड्यूटी लगाने से विदेशी खरीदारों ने भारत का रुख किया है। कोरोना के बाद से सूरत में नए 200 ज्वेलरी मैन्युफैक्चरर्स आए हैं। अमेरिका में रोलेक्स जैसी कीमती घडी पर डायमंड और ज्वेलरी लगवाने का क्रेज होने से सूरत से एक्सपोर्ट बढा है।
-जयंति सावलिया, प्रमुख, सूरत डायमंड ज्वेलरी एसो.

अमेरिका में कोरोना के बाद ज्वेलरी की मांग बढ़ी है। वहां के अश्वेत लोगों में हिप-होप ज्वेलरी की मांग है। वे महंगी घडियों पर ज्वेलरी एडेड कर पहनना पसंद करते हैं। इन घडियों की कीमत 10 लाख से शुरू होती है। वे अपनी पसंद के हिसाब से डिजाइन बता देते हैं। हम उस डिजाइन की ज्वेलरी भेज देते हैं या तो कई बार वे घडी भेज देते हैं। अभी सूरत से हर माह 5000 आर्टिकल एक्सपोर्ट हो रहे हैं।
-विजय मांगुकिया, सूरत डायमंड ज्वेलरी एसोसिएशन

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