डायबिटीज या मोटापे के मरीजों से नहीं होती भूख कंट्रोल, अपनाएं  ये उपाय

नई दिल्‍ली. मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes) आज एक बड़ी परेशानी बन चुकी है. एंडेमिक (Endemic) बनती जा रही इस बीमारी के विश्‍व भर में मरीज बढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं डायबिटीज के मरीज अन्‍य बीमारियों की चपेट में भी काफी जल्‍दी आते हैं. जैसा कि पिछले साल से अब तक कोरोना के दौरान देखा गया. शुगर (Sugar) के मरीजों में ब्‍लैक फंगस (Black Fungus) की समस्‍या आने के साथ ही कोरोना होने पर ज्‍यादा गंभीर स्थिति में पहुंचने के मामले भी सामने आए. हालांकि शुगर होने पर अगर ध्‍यान रखा जाए तो इसको नियंत्रित भी किया जा सकता है लेकिन अधिकांश लोगों की शिकायत रहती है कि वे अपने खान-पान या भूख (Appetite) पर कंट्रोल नहीं रख पाते. लिहाजा डायबिटीज से होने वाली परेशानियां बढ़ती जाती हैं.

एंडोक्राइन सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्‍यक्ष और जाने माने एंड्रोक्राइनोलॉजिस्‍ट डॉ. संजय कालरा कहते हैं कि डायबिटीज का दबे पांव शहरों से लेकर हमारे ग्रामीण परिवेश में घुसते जाना चिंता की बात है. वहीं डायबिटीज होने के बाद उसका नियंत्रित न रहना और भी ज्‍यादा परेशानी भरा है. डायबिटीज को जड़ से खत्‍म करने का कोई इलाज न होने के चलते परहेज और दवाओं के साथ जीवन बिताना ही इसका उपाय है लेकिन आमतौर पर लोग परहेज नहीं कर पाते या फिर भूख के चलते डायबिटीज को कंट्रोल नहीं कर पाते.

डॉ. कालरा कहते हैं कि इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की ए‍क रिपोर्ट के अनुसार 2019 तक भारत में डायबिटीज के करीब सात करोड़ 70 लाख मरीज मौजूद हैं जो बढ़कर 2030 तक 10 करोड़ से ऊपर हो सकते हैं. फिलहाल डायबिटीज के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है. डायबिटीज होने पर जीवन खत्‍म तो नहीं होता लेकिन गुणवत्‍तापूर्ण जीवन के लिए बहुत जरूरी है कि इस बीमारी से बचा जाए. शुगर या डायबिटीज होने के बाद मरीजों की सबसे बड़ी शिकायत भूखा न रह पाने की होती है. जिसकी वजह से मोटापा और डायबिटीज दोनों बढ़ते हैं. हालांकि इसके लिए अगर विशेषज्ञों के बताए उपायों को अपनाया जाए तो काफी राहत मिल सकती है और शुगर को नियंत्रित रखा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि भोजन करने के लिए सोचने से लेकर करने के बाद तक हिसाब से चला जाए.

भोजन करने से पहले अपनाएं ये तरीके
.शुगर के मरीज ज्‍यादा से ज्‍यादा तरल पदार्थ लें. जिनमें पानी, सूप, जीरो कैलोरी वाले पेय पदार्थ, शुगरफ्री नीबू वाले पेय आदि.
.सलाद खाएं. जिसमें हरी पत्तियां, खीरा-ककड़ी, टमाटर और मूली आदि शामिल हों.
.भूख मिटाने वाले उत्‍पाद जैसे करेले का रस, कड़वी पत्तियां आदि का सेवन करें.
. खाने से पहले कोई भी व्‍यायाम न करें, जिससे कि भूख बढ़े.

ऐसे बनाएं खाना
. सब्जियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने के बजाय बड़े टुकड़ों में काटें ताकि इन्‍हें खाने में समय लगे.
. हमेशा ज्‍यादा फाइबर वाला खाना चुनें.
. मेडिकल सुपरविजन में कीटो डाइट भी चुन सकते हैं.
.सब्‍जी में मिर्च या तीखा तेज रखें.

ऐसे परोसें
. छोटे बर्तनों का इस्‍तेमाल करें.
. कम मात्रा में खाना परोसें.
. ज्‍यादा कार्बोहाइड्रेट वाले खाने से पहले ज्‍यादा प्रोटीन वाला खाना परोसें.

ऐसे खाएं
. निगलने से पहले बहुत देर तक चबाएं.
.धीरे-धीरे सोच-सोचकर खाएं.

खाना खाने के बाद
. खाने के बाद साफ पेय पदार्थ लें.
. खाना पचाने वाले मसाले जैसे सौंफ या पान आदि लें.

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