धमतरी : अब फिर से घर पहुंचाया जाएगा स्कूली बच्चों को सूखा राशन

धमतरी। कोरोना संक्रमण के चलते। जिले के सभी स्कूलें बंद है। इस बीच छात्र-छात्राओं को उनके घर पहुचकर मध्यान्ह भोजन (सूखा राशन) दिया जा रहा है। पहले चरण में 45 दिनों का सूखा राशन देने के बाद अब केंद्र सरकार फिर से 63 दिनों का सूखा राशन आबंटित बांटेगी।

स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ संपूर्ण पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना संचालित है। धमतरी जिले में 1335 स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है। कोरोना संकमण के चलत स्कूलाें में ताला लगा हुआ है। ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग छात्र- छात्राओं को उनके घरों तक सूखा राशन पहुंचाकर दे रहा है।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में जारी 75 हजार 532 छात्र-छात्राएं मध्यान्ह भाेजन योजना से लाभान्वित होते हैं। जिनमें प्राथमिक और माध्यमिक शाला के छात्र- छात्राएं शामिल हैं। स्कूलें नहीं खुलने की स्थिति मेें 16 जून से लेकर 10 अगस्त तक 45 दिनों का सूखा राशन का छात्रों के घर पहुंचाकर दिया गया। सितंबर के अंत तक स्कूलें खुलने की संभावना थी, लेकिन कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। लाकडाउन के बाद भी अपेक्षित स्कूल खोलने के लिए अब तक माहौल नहीं बना है। ऐसे में केंद्र सरकार ने फिर स्कूली छात्रों को 63 दिन का खाद्यान्न सामग्री देने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार शासन की ओर से प्राथमिक स्तर में कुकिंग कास्ट चार रुपये 90 पैसे तथा माध्यमिक स्तर में छह रुपये 71 पैसे दिया जाता था, जिसे इस साल संशोधित किया गया है। अब नए दर पर भुगतान किया जाएगा।

इस संबंध में जिलाशिक्षाधिकारी रजनीनेल्सन ने कहा कि सूखा राशन सामग्री देने के लिए किसी भी छात्र-छात्रा को स्कूल तक बुलाने में मनाही है। स्कूलें नहीं खुलने की स्थिति मेें 16 जून से लेकर 10 अगस्त तक 45 दिनों का सूखा राशन का छात्रों के घर पहुंचाकर दिया गया। सरकार की गाइड लाइन का पालन करते हुए संकुल समन्वयक, शिक्षक और मध्यान्ह भोजन संचालन करने वाले समूह के कार्यकर्ता घर-घर पहुंचाकर सूखा राशन बांटेगें। इसकी तैयारी चल रही है।

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