रंधावा ने अमरिंदर को गद्दार-मौकापरस्त कहा:पंजाब के डिप्टी CM बोल

कैप्टन चरमपंथियों से मिलते रहे; ISI से खतरा तो अरूसा को क्यों रखा?

डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा के साथ अमरिंदर के करीबी और सलाहकार रहे कैप्टन संदीप संधू भी नजर आए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के नई पार्टी की बात कहने पर पंजाब कांग्रेस भड़क गई है। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि अमरिंदर पंजाब और किसानों के गद्दार हैं। वह मौका परस्त नेता हैं। उन्होंने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा। रंधावा ने कहा कि अगर पंजाब को ISI से खतरा है तो फिर पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम को सरकारी मकान में क्यों रखा? रंधावा ने कहा कि कैप्टन की उम्र ज्यादा हो गई है, शायद अब उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है। उन्हें याद नहीं कि कांग्रेस ने उनके लिए क्या कुछ नहीं किया? अरूसा और एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के केस की वजह से अमरिंदर ने पंजाब के हित बेच दिए।

रंधावा ने कहा कि अमरिंदर के बयान से उन्हें अफसोस और दुख हुआ। जिस इंसान को कांग्रेस ने हमेशा पद और सम्मान दिया, वो पार्टी की पीठ में छुरा मारते रहे। रंधावा ने कहा कि अमरिंदर ने 1977 में कांग्रेस जॉइन की और 1978 में लोकसभा चुनाव लड़ाया गया। उन्हें सांसद बनाया गया। उन्होंने बड़ा आरोप लगाया कि 1984 से 94 तक कैप्टन जंगलों और दरियाओं में चरमपंथियों से मिलते रहे।

बादल ने धक्का देकर निकाला, भट्‌ठल कांग्रेस में लाई तो उनकी कुर्सी छीन ली
रंधावा ने कहा कि जब 1997 में प्रकाश सिंह बादल ने टिकट नहीं दी तो तब अमरिंदर का अपमान हुआ था। उन्होंने कैप्टन को धक्के देकर निकाल दिया। इसके बाद बदकिस्मती से राजिंदर कौर भट्‌ठल ने उन्हें 1998 में कांग्रेस ज्वाइन करवा दी। इसके बाद उसी भट्‌ठल को हटाकर 1999 से 2002 तक अमरिंदर प्रधान रहे।

कैप्टन अमरिंदर सिंह

कांग्रेस में 23 साल के दौरान साढ़े 19 साल कैप्टन का एकछत्र राज रहा
इसके बाद 2002 से 2007 तक सीएम रहे। 2009 में कैंपेन कमेटी चेयरमैन और 2010 से 2013 तक प्रधान रहे। उसी दौरान 2012 में हम विधानसभा चुनाव हारे। इसके बाद 2014 से 2015 तक सांसद बने और लोकसभा में डिप्टी लीडर रहे। 2015 से 2017 तक फिर पंजाब कांग्रेस के प्रधान बने। कांग्रेस में 23 साल रहे अमरिंदर ने साढ़े 19 साल तक एकछत्र राज किया।

साढ़े 4 साल में क्यों नहीं किसानों के मुद्दे हल कराए
कैप्टन अमरिंदर के किसान आंदोलन का हल कराने के मुद्दे पर रंधावा ने कहा कि सीएम रहते साढ़े 4 साल कैप्टन ने क्या किया। एक साल में उन्होंने केंद्र सरकार से बात क्यों नहीं की। यह तो पंजाब के लोगों और किसानों के साथ गद्दारी की गई। तब वो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलने क्यों नहीं गए।

बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र का माहौल कैप्टन ने बनाया
रंधावा ने कहा कि पंजाब में BSF का बॉर्डर से 50 किमी तक अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का ग्राउंड कैप्टन ने तैयार किया। उन्होंने पाकिस्तान से आते ड्रोन, हथियार और नशा क्यों नहीं रोका?। कैप्टन की वजह से पंजाब का 50 हजार स्क्वायर किमी में से 27 हजार स्क्वायर किमी एरिया बीएसएफ के कंट्रोल में चला गया।

अरूसा को लेकर व्यक्तिगत हमला
कैप्टन के पंजाब और देश को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से खतरे पर रंधावा कैप्टन पर बिफर गए। उन्होंने कहा कि ऐसा था तो कैप्टन ने साढ़े 4 साल अरूसा आलम को चंडीगढ़ मुख्यमंत्री की ऑफिशियल आवास में क्यों रखा? केंद्र सरकार ने अरूसा का वीजा कैंसिल क्यों नहीं किया? जब हमने विरोध किया तो अरूसा पाकिस्तान क्यों चली गई? उन्होंने अमरिंदर से इसका जवाब मांगा।

BSF की सीमा सुरक्षा पर भी उठाए सवाल
रंधावा ने कहा कि वो बॉर्डर पर दौरा करने गए थे। BSF ने उनके मोबाइल रखवा लिए और गनमैन भी नहीं जाने दिए। इसके लिए पहले मंत्री और डीसी को भी परमिशन लेनी पड़ी। अगर बॉर्डर पर इतनी सख्ती है तो मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि पंजाब में हथियार, ड्रोन और नशा कैसे आ रहा है? क्या इसके पीछे ISI के साथ मिलकर रची जा रही कोई साजिश तो नहीं है? उन्होंने कहा कि कैप्टन सुरक्षा बलों का मनोबल कमजोर करने की बात कह रहे हैं तो क्या हम पंजाब के लोगों का मनोबल गिरने दें?

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