‘द कश्मीर फाइल्स’ पर रोक की मांग, सपा नेता ने दिया ये बयान

इससे दो समुदायों में नफरत पैदा हो रही है और इससे देश के हालात बिगड़ सकते हैं

लखनऊ: कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर पूरे देश में अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कई राज्यों में इसे टैक्स फ्री किए जाने के बाद इस फिल्म पर सियासी संग्राम मचा है. इसी बीच मुरादाबाद से सपा के सांसद डॉ एसटी हसन ने फिल्म पर रोक लगाए जाने की मांग की है. उन्होंने इस फिल्म को दो बड़े समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाला बताया है.

गौरतलब है कि कश्मीरी हिंदुओं के ऊपर हुए अत्याचार और उनके पलायन पर बनी पर बनी फिल्म द कश्मीर फाईल्स के समर्थन और विरोध में दो धाराएं खड़ीं हो गईं हैं. हाल ही में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फिल्म पर ऐतराज किया था और कहा था कि लखीमपुर फाइल्स भी बनानी चाहिए. इसके बाद अब सपा सांसद एसटी हसन ने कहा है कि इस इस पर रोक लगानी चाहिए क्योंकि इससे दो समुदायों में नफरत पैदा हो रही है और इससे देश के हालात बिगड़ सकते हैं.

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों का दर्द हमारे दिल में भी है. अपने ही देश में वह रिफ्यूजी हो गए, लेकिन इसको इतना हाइलाइट करना हमारी गंगा जमुनी तहजीब को तोड़ने का काम करती है. नफरतों को बढ़ावा देती है इसलिए इस पर रोक लगनी चाहिए. अगर इस फिल्म को अनुमति दी गई तो कल मुरादाबाद, भागलपुर और गुजरात पर भी फिल्म बना सकता है. ये सिलसिला कब खत्म होगा.

हमने हमेशा कोशिश की कि हमारे बीच प्यार मुहब्बत कायम रहे

सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि हमने हमेशा कोशिश की कि हमारे बीच प्यार मुहब्बत कायम रहे. सौहार्द कायम रहे. दो बड़ी आबादियों के बीच यदि नफरतों की सौदागरी शुरू हो जाएगी तो हिंदुस्तान आखिर कहां जाएगा. इससे विश्वास में कमी आएगी और हमारा ताना बाना टूट जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि कश्मीरी पंडितों को फौरन पुनर्वास कराया जाए. उन्हें उनके घरों में पहुंचाया जाए और उनकी हिफाजत की जाए, लेकिन ऐसी फिल्मों पर रोक लगाई जाए.

उन्हों कहा कि सिनेमा हॉलों में अभी से लोगों में झगड़े हो रहे हैं. जब थियेटर में ये हाल है तो दिमागों में कितनी नफरतें बढ़ रही हैं. दो समुदायों के बीच टकराव की स्थिति बन रही है और हमारे दुश्मन यही चाहते हैं. इसलिए इस फ़िल्म पर पाबंदी लगा देनी चाहिए

 

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