पाकिस्तानी आतंकी के पास किशनगंज के एड्रेस पर बनी ID मिली, शरण देने वालों की तलाश में सुरक्षा एजेंसिया

बिहार की ID पर दिल्ली में रह रहा था आतंकी:

मो. अशरफ, आतंकवादी। (फाइल फोटो)

दिल्ली में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी मो. अशरफ का बिहार कनेक्शन सामने आया है। आतंकी जिस जाली ID के सहारे दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रह रहा था वह किशनगंज जिले की है। इससे बिहार पुलिस के साथ-साथ खुफियां एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। एजेंसियां बिहार में उसके मददगारों की तलाश में जुट गई है। आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सोमवार रात लक्ष्मी नगर इलाके से अरेस्ट किया था। उसके पास से हथियार और हैंड ग्रेनेड भी मिला है।

बताया जा रहा है कि वह पिछले 15 साल से भारत में रह रहा था। ऐसे में इस बात की आशंका है कि उसके और साथी भी होंगे। फिलहाल, बिहार पुलिस ने नेपाल सीमा से सटे सभी जिलों के SP को अलर्ट किया है और विशेष चौकसी के आदेश दिए हैं। साथ ही इस बात की पड़ताल की जा रही है कि आखिर बिहार के अंदर पाकिस्तानी आतंकवादी ने फर्जी ID कैसे बनवा ली? इस काम में उसकी किन लोगों ने मदद की? बिहार के अंदर किन लोगों ने उसे संरक्षण दिया था?

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही जांच
भास्कर ने इस मामले पर ADG मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार से बात की। उन्होंने आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं। बस इतना बताया कि कुछ जानकारी शेयर हुई है। मामला डेवलप होने के बाद ही कुछ बताया जाएगा। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तानी आतंकवादी के बांग्लादेश और वहां से वेस्ट बंगाल के सिल्लीगुड़ी के रास्ते बिहार में एंट्री होने की आशंका है। बिहार में कितने दिन रहा? इसके बाद वो कब दिल्ली गया? इसका पता दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लगा रही है।

सीमांचल-मिथिलांचल बना सेफ जोन!
2009 दिल्ली ब्लास्ट में मधुबनी का आतंकवादी मदनी को दिल्ली एटीएस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में मदनी ने खुलासा किया था कि बिहार में नक्सलियों से साठगांठ थी और वह नक्सलियों को विस्फोटक के साथ हथियार भी मुहैया कराता था।

2006 के बाद से आतंकी बिहार में दोबारा सक्रिय हुए

20 जुलाई, 2006 : मुंबई ATS ने मधुबनी के बासोपट्टी बाजार से मो. कमाल को मुंबई लोकल ट्रेन धमाके में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।2 जनवरी, 2008 : रामपुर (यूपी) CRPF कैंप में हुए विस्फोट मामले में मधुबनी के सकरी के गंधवारी गांव से 2 जनवरी, 2008 को सबाऊद्दीन को गिरफ्तार किया था।26 नवंबर, 2011 : दिल्ली पुलिस ने मधुबनी के सिंघानिया चौक व सकरी के दरबार टोला से अफजल व गुल अहमद जमाली को पकड़ा था।19 नवंबर, 2011 : दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी।12 जनवरी, 2012 : दरभंगा के जाले थाना के देवड़ा बंधौली गांव निवासी नदीम और नक्की को गिरफ्तार किया गया था। दोनों की निशानदेही पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल मिली थी।21 फरवरी 2012 : ATS ने शिवधारा से साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को पकड़ा था। वह इंडियन मुजाहिदीन का मेंटर रहा है।6 जनवरी, 2012 : दरभंगा के केवटी थाने के समैला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट में उसकी संलिप्तता सामने आई थी।13 मई, 2012 : सऊदी अरब में केवटी के बाढ़ समैला गांव के फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से पकड़ा था. गौरतलब है कि आइएम चीफ रियाज भटकल और इकबाल भटकल से जुड़ा फसीह 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था। जहां से IM को पैसे मुहैया कराता रहा। दाऊद इब्राहिम का सहयोगी फजलुर्रहमान भी जाले थाने के देवड़ा बंधौली गांव का है। अभी वह तिहाड़ जेल में बंद है।21 जनवरी 2013: लहेरियासराय थाने के चकजोहरा मोहल्ला से मो. दानिश अंसारी को कथित आतंकी हमले की साजिश में गिरफ्तार किया गया था। दोनों IM सरगना यासीन भटकल के गुर्गे थे।अगस्त, 2013: इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को पूर्वी चंपारण से लगे नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया।अगस्त, 2019 : गया से कोलकाता ATS ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। वह पश्चिम बंगाल के वर्दमान विस्फोट का आरोपी था।फरवरी, 2021: सारण के मढ़ौरा थाना के देव बहुआरा निवासी रिटायर शिक्षक महफूज अंसारी के 25 वर्षीय पुत्र जावेद को उसके पैतृक घर से पकड़ा गया। आरोपों के अनुसार जावेद की दोस्ती अलीगढ़ के एक कॉलेज में कथित आतंकी कनेक्शन वाले कश्मीर के मुश्ताक नामक एक युवक से हुई जावेद ने ही सारण से करीब 7 पिस्टल मुश्ताक को मुहैया कराई थी।

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