दिल्ली में कश्मीरी युवक की संदिग्ध मौत.. पार्क में लहूलुहान पड़ा मिला, परिवार का चौंकाने वाला खुलासा

दिल्ली में कश्मीरी युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रीनगर के आलीकदल निवासी 30 वर्षीय जुबैर अहमद भट की मौत को लेकर उनके परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। वहीं, दिल्ली पुलिस इसे आत्म-चोट से हुई मौत बता रही है। इस घटना ने परिजनों और स्थानीय लोगों के बीच आक्रोश की लहर पैदा कर दी है और निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है।
मृतक की पहचान
मृतक की पहचान श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके आलीकदल सहयार निवासी जुबैर अहमद भट (उम्र 30 वर्ष) पुत्र फारूक अहमद भट के रूप में हुई है। वह अक्सर काम के सिलसिले में दिल्ली जाता था और गत सोमवार को दिल्ली के एक पब्लिक पार्क में गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाया गया था।
दिल्ली पुलिस का पक्ष: खुद को दीवार से पटका सिर?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कुछ स्थानीय लोगों ने सूचना दी कि एक व्यक्ति ने पार्क में अपना सिर दीवार से बार-बार पटका जिससे उसके सिर से खून बहने लगा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मंगलवार शाम उसकी मौत हो गई। पुलिस इस मामले को आत्म-चोट से हुई मौत मान रही है, हालांकि मामले की जांच अभी जारी है।
परिजनों का आरोप: यह हत्या है, नहीं मानते आत्म-चोट की थ्योरी
मृतक के परिजनों ने पुलिस की कहानी पर सवाल खड़े किए हैं। जुबैर के चचेरे भाई आकिब भट ने बताया, “मेरी उससे रविवार को बात हुई थी, वह पूरी तरह ठीक था। माइग्रेन की बीमारी थी, लेकिन उसका इलाज चल रहा था और वह स्वस्थ था।” परिजनों का साफ कहना है कि जुबैर की हत्या की गई है और उसे कोई मानसिक परेशानी नहीं थी जिससे वह खुद को नुकसान पहुंचाता।
शव की वापसी और स्थानीय आक्रोश
बुधवार दोपहर को जुबैर का शव उसके पैतृक गांव पहुंचाया गया, जहां भारी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश देखने को मिला और उन्होंने भी हत्या की आशंका जताई। परिजनों और क्षेत्रीय लोगों ने सरकार और पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
निष्पक्ष जांच की मांग
परिजनों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक इस मामले की पारदर्शी जांच नहीं होती और सच्चाई सामने नहीं आती, वे शांत नहीं बैठेंगे। उन्होंने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांग की कि मामले में न्यायसंगत और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए ताकि दोषियों को सजा मिले और पीड़ित परिवार को इंसाफ।