छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए दूसरे धर्म में जा रहे बच्चों को सिखाएं संस्कार- RSS प्रमुख

देहरादून: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कल देहरादून में ‘हिंदू जगे तो विश्व जगेगा’ कार्यक्रम को संबोधित  किया। इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया। भागवत ने कहा कि हमें अपने बच्चों को अपने धर्म और पूजा के प्रति आदर भाव रखना सिखाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण और विवाह करने के लिए धर्मांतरण हो जाता है। 
 

 अपने धर्म के प्रति गौरव, पूजा के प्रति आदर, अपने बच्चों को सिखाना होगा
उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण, विवाह करने के लिए मतांतरण करने वाले गलत हैं, यह बात अलग है, लेकिन हमारे बच्चे हम ही तैयार नहीं करते, हमको इसका संस्कार अपने घर में देना होगा, अपने धर्म के प्रति गौरव, पूजा के प्रति आदर, अपने बच्चों को तैयार करना चाहिए।
 

How does conversion happen? How do our girls & boys convert to other religions? For small selfish reasons, for marriage. It’s another matter that those doing it are wrong. We don’t prepare our children. We need to instill pride in ourself & our religion in them: RSS chief (10.10) pic.twitter.com/2aweGak2fv

— ANI (@ANI) October 11, 2021

हमें भजन और भोजन अपनी परंपरा के अनुसार ही करना चाहिए
सरसंघ चालक ने कहा कि यदि हम अपनी समाज शैली में बदलाव लाएं तो भारत विश्वगुरू बन सकता है, इसके लिए उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अपनी भाषा, भूषा, भवन, भ्रमण, भजन और भोजन अपनी परंपरा के अनुसार ही करना चाहिए। भागवत ने कहा कि भारत की परंपराओं का अनुसरण पूरा विश्व कर रहा है। इस संबंध में ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री माग्रेट थैचर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार उन्होंने कहा था कि अपने माता-पिता की कैसे सेवा करते हैं, हमें इन परंपराओं के बारे में भारत से सीखना है।
 

जात-पांत के बंधनों से बाहर निकलना चाहिए
उन्होंने कहा कि वैदिक काल से महाभारत तक हमें हमारे ग्रंथ बताते हैं कि धर्म का पालन कैसे करना चाहिए, भागवत ने कहा कि समाज में हमें गरीब तबके की भी चिंता करनी चाहिए और जात-पांत के बंधनों से बाहर निकलना चाहिए।

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