अफगान के सख्त कानून

शादी से पहले लड़कों के साथ घूमने वाली लड़कियों का कराया जाता है वर्जिनिटी टेस्ट

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ते ही वहां पर तालिबानी शासन लागू हो गया है। अपनी पहली प्रैस कांफ्रेंस में तालिबानी प्रवक्ता ने साफ तौर पर कह दिया है कि अफगान में अब लोकतंत्र नहीं ब्लकि शरिया कानून के हिसाब से सरकार चलेगी। यही वजह है कि लोग अब अपना मुल्क छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं, उन्हें डर है कि तालिबान भले ही अपने सुधरने की बात कह रहा हो लेकिन वह फिर से इतिहास को दोहराएगा जो 1996 से लेकर 2001 तक के शासनकाल में  लोगों के साथ हुआ था।

किस बात का है लोगों को डर?
अफगानिस्तान महिलाओं के साथ सबसे अधिक भेदभाव करने वाले देश की सूची में शामिल है। यहां महिलाओं को बेहद कम अधिकार दिए गए हैं और समाज में हर छोटी गलती पर उन्हें प्रताड़ित भी किया जाता है। अगर कोई लड़की पर समाज को शक हो जाए कि वह शादी से पहले पुरुषों के साथ घूमती है या फिर उसका कोई संबंध है तो फौरन उसका वर्जिनिटी टेस्ट कराया जाता है। ऐसी ही प्रथा की शिकार हुई थी 18 साल की अफगानी लड़की नेदा। यह बात तब सामने आई जब उसने खुद ही मीडिया को अपने साथ हुए बर्ताव के बारे में खुलासा किया।

 पुरुष दोस्तों से लिफ्ट लेना एक लड़की के लिए बन गई थी सजा
एक रात नेदा थिएटर से लौट रही थी और घर में पहुंचने में देर हो गई इसी बीच उसने घर जाने के लिए दो पुरुष दोस्तों से लिफ्ट ले ली, लेकिन इसके बाद नेदा का जीवन नर्क बन गया, उसे लंबे वक्त के लिए परेशान किया। बामियान में रहने वाली नेदा पर शादी से पहले यौन संबंध बनाने के आरोप लगे और उसका वर्जिनिटी टेस्ट कराया गया।

महिलाओं की मर्जी के बिना करवाए जाते हैं उनका वर्जिनिटी टेस्ट 
एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महिला का कौमार्य भंग नहीं हुआ है, लेकिन लड़की की जिंदगी आसान नहीं हुई।  रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में महिलाओं की मर्जी के बिना की वर्जिनिटी टेस्ट कराए जाते हैं। हालांकि, मानवाधिकार आयोग ऐसे टेस्ट को गलत बताता रहा है।

स्थानीय कोर्ट भी नहीं करती महिलाओं की मदद
अफगानिस्तान में कई बार शादी से पहले रिश्ता रखने के आरोप में लड़कियों की ऑनर किलिंग भी कर दी जाती है। इतना ही नहीं इस जुर्म के चलते महिलाओं को कई बार जेल भी जाना पड़ा है। स्थानीय कोर्ट से भी कई बार महिलाओं को राहत नहीं देते और उनका वर्जिनिटी टेस्ट का आदेश दे देते है।

1996-2001 में तालिबान ने की थी अफगान की महिलाओं की ये हालत
1996 से 2001 के तालिबान ने अफगान पर क्रूर शासन किया था। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन, रोजगार और शिक्षा से वंचित कर दिया था। बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया गया और एक पुरुष संरक्षक या महरम के बिना उन्हे घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता था। हजारों महिलाओं को यौन दासता में झोंक दिया था, इतना ही नहीं तालिबानी कानूनों का उलंघन करने पर उनके हाथ-पैर और नाक तक काट दी जाती थी।

Related Articles

Back to top button