भारत में डेनमार्क की PM:26 साल पुराने पुरुलिया हथियार कांड का मुद्दा उठा

मुख्य साजिशकर्ता किम डेवी के प्रत्यर्पण को लेकर हुई बातचीत

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को भारत पहुंची। फ्रेडरिक्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलीं। दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों के अलावा 1995 के पुरुलिया हथियार कांड के मुख्य आरोपी नील्स होक उर्फ किम डेवी के प्रत्यर्पण को लेकर भी बातचीत हुई है।

डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने शनिवार को कहा कि भारत और डेनमार्क की ज्यूडिशियरी किम डेवी के प्रत्यर्पण की मांग से संबंधित मुद्दे पर गौर कर रही है। दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात में क्या किम डेवी के प्रत्यर्पण को लेकर बातचीत हुई। इस सवाल पर फ्रेडी स्वेन ने कहा कि दोनों देशों की ज्यूडिशियरी (भारत और डेनमार्क) इस पर गौर कर रही है।

हमें इस मामले को उन पर छोड़ देना चाहिए। वे बेहद सक्षम हैं और जानते हैं कि इस तरह की चीजों को कैसे संभालना है। हमें इस मुद्दे पर नहीं जाना है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर कुछ मामलों को लेकर समझौता भी हुआ है।

क्या है पुरुलिया हथियार कांड
17 दिसंबर 1995 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में विमान से हथियार गिराए गए थे। अगले दिन लोगों ने खेत में गिरे बक्सों को हथियारों से भरा पाया जिसमें करीब 300 एके 47 और एके 56 राइफल, लगभग 15,000 राउंड गोलियां, 6 रॉकेट लांचर, बड़ी संख्या में हथगोले, पिस्तौल और नाइट विजन डिवाइस मौजूद थे। इन हथियारों को पहले तो ग्रामीणों ने अपनों घरों में छिपा दिया था। लेकिन बाद में पुलिस की दबिश के बाद इनकी बरामदगी की गई।

17 दिसंबर 1995 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में विमान से भारी मात्रा में हथियार गिराए गए थे।

थाइलैंड से कराची जा रहे विमान को उतारा गया
देश भर में सनसनी फैलाने वाले इस मामले के 4 दिन बाद यानी 21 दिसंबर को खुफिया जानकारी के आधार थाइलैंड से कराची जा रहे एन-26 विमान को मुंबई के ऊपर से गुजरते वक्त नीचे उतारा गया क्योंकि इस विमान का रिश्ता पुरुलिया कांड से था। इस विमान में सवार हथियार एजेंट पीटर ब्लीच और चालक दल के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन इस हथियार कांड का मास्टर माइंड किम डेवी संदिग्थ स्थितियों में हवाई अड्डे से न केवल निकल भागा बल्कि अपने मुल्क डेनमार्क पहुंच गया। बाद में ब्रिटिश नागरिक पीटर ब्लीच को भी राष्ट्रपति से मिली माफी के बाद फरवरी 2004 में रिहा कर दिया गया था।

थाइलैंड से कराची जा रहे एन-26 विमान को मुंबई के ऊपर से गुजरते वक्त नीचे उतारा गया।

भारत ने कहा-प्रत्यर्पण पर बातचीत जारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस सप्ताह की शुरुआत में साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि भारत किम डेवी के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर डेनमार्क के साथ बातचीत कर रहा है। बागची ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे एजेंडे में किम डेवी के प्रत्यपर्ण का मुद्दा भी शामिल है। इस पर डेनमार्क की सरकार से बातचीत हो रही है। पहले भी इस मामले को भारत मजबूती के साथ उठाता रहा है। आगे भी हमारी चर्चा चलती रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन।

दोनों देशों में इन मुद्दों पर हुई बातचीत

दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान से संबंधित घटनाक्रम पर भी चर्चा की।भारत-डेनमार्क ने ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और जलवायु मुद्दे पर बात की।दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार और यूरोपीय संघ-भारत सहयोग पर चर्चा हुई।

फ्रेडरिक्सन बोलीं- मोदी दुनिया को प्रेरित करने वाले नेता
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन की यह पहली भारत यात्रा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें दुनिया को प्रेरित करने वाला नेता बताया। यहां से वे राजघाट पहुंची और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शनिवार शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की।

राष्ट्रपति रामनाथ के साथ डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन।

भारत हमारा करीबी पार्टनर
शनिवार को सुबह डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ​दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचीं। यहां विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनका स्वागत किया। फ्रेडरिक्सन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि डेनिश PM की यात्रा भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की समीक्षा करने और उसे आगे बढ़ाने का एक अवसर है। फिलहाल में भारत में 200 से अधिक डेनिश कंपनियां मौजूद हैं और 60 से अधिक भारतीय कंपनियों की डेनमार्क में मौजूदगी है।

राष्ट्रपति कोविंद से करेंगी मुलाकात
फ्रेडरिक्सन रविवार को आगरा जाएंगी, जहां वे ताजमहल देखेंगी। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी इस साल की शुरुआत में डेनमार्क का दौरा किया था।

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