दलित महिला से बलात्कार के बाद जिंदा जलाया, डीजीपी को लिखी चिट्ठी

पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचने वाला हाथरस का केस हो या राजस्थान में अजमेर को बंधक बनाकर 8 घंटे तक महिला के साथ गैंगरेप, दोनों ही पीड़िताएं दलित समुदाय से थीं। दोनों मामलों की जांच जारी है, न्याय और तथ्यों की बातें कोर्ट में होती रहीं हैं। कुछ को सजा मिल चुकी है तो कुछ सजा से बाकी है। पर इस पर अभी तक जो टीका-टिप्पणी हुई है वो ये समझने के लिए काफी है कि जब किसी दलित पीड़िता के साथ ऐसी घटना होती है तब पुलिस, मीडिया और सियासत सभी का रुख अलग ही देखने को मिलता है। एक ऐसी ही घटना जो दिल को दहला दे यह घटना है राजस्थान के बाड़मेर में एक दलित महिला से बलात्कार के बाद जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। घटना से गुस्साए लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। वहीं आक्रोशित परिजनों ने पोस्टामॉर्टम कराने से भी इनकार कर दिया। हालांकि प्रशासन की ओर से लाख मनाने के बाद के बाद पीड़ित परिवार कुछ शर्तो के साथ पोस्टमॉर्टम के लिए तैयार हुआ। बालोतरा एसडीएम विवेक व्यास ने बताया कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा के साथ परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
बता दें कि बाड़मेर जिले के पचपदरा इलाके में रात आरोपी ने घर में अकेली महिला का रेप करने के बाद उसके मुंह में कैमिकल भरकर आग लगा दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई।अब इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने राजस्थान के डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, और मामले की जांच शुरू कर दी है।

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