साइबर अपराधियों ने सरकारी खजाने से उड़ाए 22 करोड़ रुपये, ऐसे लगाया चूना

रांची. साइबर अपराधियों के निशाने पर अब सरकारी विभाग भी आ गए हैं. साइबर क्रिमिनल्‍स ने फर्जी चेक के जरिये सरकारी खजाने से 22 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की निकासी कर ली. छानबीन के दौरान पता चला कि सरायकेला, पलामू और गुमला के स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया में मौजूद सरकारी खातों से साइबर अपराधियों ने करोड़ों रुपये की निकासी कर ली है. जानकारी के अनुसार, इनमें से 12.60 करोड़ रुपये भू-अर्जन विभाग और बाकी की राशि कल्‍याण विभाग के खातों से निकाली गई है. जांच के दौरान मामले का खुलासा होने के बाद कल्‍याण विभाग 9 करोड़ रुपये की निकासी करने में सफल रहा. बताया जाता है कि सरकारी खजाने से इतनी बड़ी रकम निकालने वाला गुजरात निवासी है.

जानकारी के अनुसार, सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये उड़ाने वाले साइबर अपराधी की पहचान अमित चंदूलाल पटेल के तौर पर की गई है. ‘प्रभात खबर’ के अनुसार, गुमला में हुए शौचालय घोटाले की जांच के दौरान साइबर अपराधियों द्वारा भू-अर्जन कार्यालय और समेकित जनजाति विकास अभिकरण (ITDA) के खातों से फर्जी चेक के सहारे पैसे की निकासी की बात सामने आई. जांच में पाया गया कि ITDA के स्टेट बैंक स्थित अकाउंट से निकासी के लिए चेक का इस्तेमाल हुआ, जबकि यह चेक ITDA के पास था. साइबर अपराधियों ने सक्षम पदाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर 9,05,16,700 रुपये का चेक बैंक में जमा किया था. इसकी पुख्‍ता जांच किए बगैर इस चेक की एवज में पैसे जारी कर दिए गए.

आरोप है कि बैंक की ओर से जारी मूल चेक और अपराधियों द्वारा पेश चेक में अंतर के बावजूद इसे पास कर दिया गया. इस रकम को ओडिशा स्थित एक्सिस बैंक के खाते में ट्रांसफर किया गया. ओडिशा के एक्सिस बैंक स्थित यह खाता गुजरात निवासी पटेल अमित चंदूलाल का बताया गया है. एक्सिस बैंक से यह रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर न होने पर बैंक अफसरों पर प्रशासनिक दवाब की वजह से इसमें से 9.03 करोड़ रुपये वापस आईटीडीए के खाते में लाया जा सका. भू-अर्जन विभाग के खाते से उड़ाई गई राश‍ि की रिकवरी अभी तक नहीं हो सकी है.

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