कोरोना का नया वैरिएंट 5 गुना घातक ? वायरल हो रहे WhatsApp मैसेज से हड़कंप.. सच्चाई आई सामने !

हाल ही में एक WhatsApp मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट Omicron XBB बेहद खतरनाक है, RT-PCR टेस्ट से नहीं पकड़ा जा रहा, और फेफड़ों को सीधे प्रभावित कर रहा है। साथ ही कहा गया है कि यह वैरिएंट पहले से 5 गुना ज्यादा जानलेवा है। लेकिन क्या वाकई ये सभी दावे सही हैं? आइए जानें तथ्य क्या कहते हैं।
WhatsApp मैसेज में क्या-क्या दावा किया गया?
इस मैसेज में लिखा गया है:
- XBB वैरिएंट में खांसी और बुखार जैसे सामान्य लक्षण नहीं होते।
- यह वायरस सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है और RT-PCR टेस्ट से नहीं पकड़ा जा रहा।
- इसके लक्षणों में जोड़ों का दर्द, गले में खराश, पीठ दर्द, भूख कम लगना और निमोनिया शामिल हैं।
- यह पहले के डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना अधिक खतरनाक बताया जा रहा है।
विशेषज्ञों और स्वास्थ्य एजेंसियों की राय: ये दावे गलत हैं
- भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय, WHO, और CDC (अमेरिका) ने इन दावों को गलत और भ्रामक बताया है।
- XBB या अन्य Omicron सबवैरिएंट्स में अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है जो बताता हो कि ये RT-PCR टेस्ट में नहीं पकड़ते या ये पहले से अधिक जानलेवा हैं।
- विशेषज्ञों के अनुसार, Omicron XBB के लक्षण अभी भी मूल COVID के समान ही हैं — जैसे कि हल्का बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान।
- RT-PCR टेस्ट अब भी प्रभावी है और XBB को पकड़ सकता है।
भारत में क्या स्थिति है?
हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने माना है कि कुछ राज्यों में COVID केसों की संख्या में हल्की वृद्धि हुई है — जैसे कि दिल्ली, केरल और कर्नाटक। इसके बाद सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है।
लेकिन ये केस अभी भी कम गंभीर हैं और अस्पतालों में भारी दबाव की स्थिति नहीं है।
Singapore की बात: वहां भी स्थिति नियंत्रण में
वायरल मैसेज में सिंगापुर में केस बढ़ने की बात भी कही गई है। लेकिन सिंगापुर की स्वास्थ्य एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि XBB सबवैरिएंट का संक्रमण अधिकतर मामलों में हल्का है और वैक्सीनेशन के चलते स्थिति नियंत्रित है।
जनता के लिए क्या जरूरी है?
डरने की जरूरत नहीं, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।
सरकार और विशेषज्ञों ने लोगों से निम्न सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
- बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें
- बीमार महसूस होने पर खुद को अलग रखें
- समय पर बूस्टर डोज़ लें
वायरल मैसेज में फैक्ट से ज्यादा डर है
वायरल हो रहे WhatsApp मैसेज में दिए गए लगभग सभी दावे अफवाह हैं और विज्ञान पर आधारित नहीं हैं। यह मैसेज पुराने डर और भ्रम को दोबारा हवा देने की कोशिश लग रहा है। ऐसे में केवल सरकारी और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें और अफवाहों से बचें।