संक्रमित मरीज के आंसुओं से भी फैल सकता है वायरस, आंख के डॉक्टरों को ज्यादा सावधान रहने की सलाह

कोरोना संक्रमित व्यक्ति के आंसुओं से भी वायरस के संक्रमण के फैलने का खतरा है। ऐसे में आंख के डॉक्टरों को ज्यादा सावधान रहने की सलाह दी गई है। अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने एक रिसर्च में यह दावा किया है। इस स्टडी के लिए मरीज की RT-PCR रिपोर्ट आने से 48 घंटों के भीतर आंसू के नमूने लिए गए थे।

रिसर्च के मुताबिक, ऑक्युलर मैनिफेस्टेशन या इसके बिना वाले रोगियों के आंसू कोरोना इंफेक्शन के संभावित कारण हो सकते हैं। ऑक्युलर मैनिफेस्टेशन वह लक्षण है जो शरीर में होने वाले किसी रोग की वजह से आंख पर असर डालता है।

120 मरीजों पर की गई स्टडी
अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने कोरोना के 120 मरीजों पर ये स्टडी की है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि 60 मरीजों में आंसुओं के जरिए वायरस शरीर के दूसरे हिस्से में पहुंच गया। जबकि 60 मरीजों में ऐसा नहीं हुआ। 41 रोगियों में कंजंक्टिवल हाइपरमिया, 38 में फॉलिक्युलर रिएक्शन, 35 में केमोसिस, 20 रोगियों में म्यूकॉइड डिस्चार्ज और 11 को ईचिंग की दिक्कत थी।

कंजेक्टिवायटल सेकरेशन से दूर होगा संक्रमण
वहीं ऑक्युलर मैनिफेस्टेशन वाले लगभग 37% मरीजों में कोरोना वायरस के आंशिक लक्षण मिले। बाकी 63% में संक्रमण के गंभीर लक्षण पाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 17.5% मरीज जिनके आंसू के RT-PCR टेस्ट हुए वो भी कोरोना पॉजिटिव निकले। 11 रोगियों (9.16%) में ऑक्युलर मैनिफेस्टेशन थे और 10 (8.33%) को ऐसी कोई भी शिकायत नहीं थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमित मरीज कंजेक्टिवायटल सेक्रेशन (स्राव) में संक्रमण को दूर कर सकते हैं।

मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर रहें अलर्ट
इस रिसर्च को डॉ. प्रेमपाल कौर, डॉ. गौरांग सहगल, डॉ. शैलप्रीत, केडी सिंह और भावकरण सिंह ने किया है। स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित मरीजों के आंसू इनके देखभाल में लगे मेडिकल स्टाफ के लिए संक्रमण का स्रोत हो सकते हैं।

ऐसे में मेडिकल स्टाफ और आंख के डॉक्टरों के लिए अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। उन्हें विशेष तौर पर आंख, नाक और मुंह की जांच करते समय एहतियात बरतने को कहा गया है।

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