UN में कोरोना वैक्सीन पर विवाद:न्यूयॉर्क के अधिकारियों ने महासभा के हॉल में घुसने से पहले वैक्सीनेशन के सबूत मांगे

ब्राजील के राष्ट्रपति ने सड़क पर पिज्जा खाकर गुजारी रात

,

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 76वां सालाना सत्र कोरोना के चलते विवादों में घिर गया है। एक तरफ मेजबान न्यूयॉर्क के अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के मुख्य हॉल में पहुंचने वाले सभी राष्ट्राध्यक्षों, सरकारों के प्रमुखों, राजाओं और राजनेताओं पर पूरी तरह वैक्सीनेटेड होने की शर्त लगा दी, तो दूसरी तरफ वैक्सीन के धुर विरोधी ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो और रूस ने इसका पुरजोर विरोध किया है। आलम यह है कि राष्ट्रपति बोल्सोनारो को अमेरिका में अपनी पहली रात न्यूयॉर्क के साइडवॉक्स (sidewalks) यानी सड़कों पर बिकने वाला पिज्जा खाकर गुजारनी पड़ी। उनके प्रतिनिधिमंडल में शामिल उनके दो मंत्रियों ने साइडवॉक्स में पिज्जा खाते बोल्सोनारो की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं।

तस्वीर में ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो अपने साथ न्यूयॉर्क पहुंचे प्रतिनिधिमंडल के साथ सड़क पर पिज्जा खाते नजर आ रहे हैं। ब्राजील के पर्यटन मंत्री गिलसन मचाडो नेटो और एक अन्य मंत्री ने यह फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की है। उन्होंने इसका कैप्शन दिया- “Let’s go for pizza with Coca Cola.”

दरअसल, न्यूयॉर्क के स्थानीय अधिकारियों ने कोरोना वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट के बिना किसी भी विदेशी राजनेता को न्यूयॉर्क के रेस्टोरेंट्स में डिनर तक की इजाजत नहीं दी है।

न्यूयॉर्क के मेयर ऑफिस ने वैक्सीन लगवाने के सबूत मांगे

15 सितंबर को न्यूयॉर्क के मेयर ऑफिस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को पत्र लिखकर कोरोना गाइडलाइंस के बारे में जानकारी दी। इसके मुताबिक सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों और उनके साथ आने वाले राजनेताओं से संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक महासभा के दौरान हॉल में दाखिल होने से पहले पूरी तरह कोरोना वैक्सीनेटेड होने के सबूत देने को कहा गया था।

न्यूयॉर्क के हेल्थ कमिश्नर के सिग्नेचर वाली इस गाइडलाइंस में संयुक्त राष्ट्र के मुख्य हॉल को कन्वेंशन सेंटर घोषित कर दिया गया। मतलब यह कि शहर में होने वाली बाकी इनडोर गतिविधियों की तरह संयुक्त राष्ट्र के हॉल में भी दाखिल होने वाले सभी लोगों को वैक्सीन लगी होनी चाहिए।

महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने किया समर्थन

न्यूयॉर्क के अधिकारियों की इस मांग का महासभा के मौजूदा अध्यक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भी समर्थन किया था। बुधवार को जारी एक बयान में न्यूयॉर्क के मेयर बिल डेब्लासियो और अंतरराष्ट्रीय मामलों के कमिश्नर पेनी एबेवर्डेना ने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों को धन्यवाद देते हुए उन्हें ‘सच्चा न्यूयॉर्कर’ कहा।

महासचिव गुतेरेस बोले- नियम लागू करना मुश्किल

इसके कुछ घंटों बाद ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एन्टोनियो गुतेरेस ने कहा कि वे राष्ट्राध्यक्षों पर यह नियम लागू नहीं कर सकते।

बोल्सोनारो बोले- वैक्सीन नहीं लगवाएंगे

उधर, पिछले साल कोरोना से संक्रमित हो चुके बोल्सोनारो ने कहा कि वैक्सीन लगवाने वाले वो आखिरी ब्राजीलियन होंगे। बोल्सोनारो ने वैक्सीन लगवाने से इनकार करते हुए दावा किया कि वह पहले ही इम्यूनाइज्ड हैं क्योंकि उनके शरीर में एंटीबॉडी की दर काफी अच्छी है।

रूस ने कहा- यह UN चार्टर का उल्लंघन है

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंज्या ने इसे स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर का उल्लंघन है। रूसी राजदूत बोले, “हम मानते हैं कि उचित सावधानियों से परे कोई भी ऐसा तरीका नहीं अपनाया जाना चाहिए जो वास्तव में देशों को महासभा के हॉल में होने वाली बैठक में हिस्सा लेने से रोकता हो।”

विदेशी राजनेताओं के वैक्सीनेशन को लेकर यह भी पेच

दुनिया के अलग-अलग देश में अलग-अलग तरह की वैक्सीन लगाई जा रही है। इनमें कई वैक्सीन ऐसी भी हैं जिन्हें अमेरिका में इमरजेंसी आथोराइजेशन नहीं दिया गया है। रूस में व्यापक रूप से लगाई जा रही स्पुतनिक V भी ऐसी ही एक वैक्सीन है। स्पुतनिक V को न तो अमेरिका में अनुमति दी गई है और न WHO ने इसे मान्यता दी है।

जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन ऑन अराइवल का प्रपोजल

न्यूयॉर्क अधिकारियों ने विदेशी राजनेताओं को जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल शॉट वैक्सीन ऑन अराइवल लगाने की घोषणा की है। इस वैक्सीन को भी तमाम देशों में मान्यता नहीं है। हालांकि इसे WHO ने इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल कर रखा है।

अब सबूत नहीं देना पड़ रहा, विशेष ऑनर सिस्टम लागू

महासभा में बोलने से पहले तमाम देशों के नेताओं को कोरोना का टीका लगा हो, यह सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक “ऑनर सिस्टम” लागू किया है। इसके तहत राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, राजा और बाकी महत्वपूर्ण लोगों को टीकाकरण कार्ड या टीकाकरण का कोई दूसरा सबूत नहीं दिखाना होगा। वे महासभा में अपने आईडी बैज को स्वाइप करेंगे तो मान लिया जाएगा कि उनका वैक्सीनेशन हो चुका है।

क्या कहता है extraterritoriality का अंतरराष्ट्रीय कानून?

दुनिया के तमाम देशों में कई ऐसे इलाके, बिल्डिंग या लोग होते हैं जिन पर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत extraterritoriality लागू होती है। मतलब यह कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत extraterritorial घोषित इलाकों या लोगों पर उस देश के स्थानीय कानून लागू नहीं होते, जिनमें वो इलाके या लोग मौजूद होते हैं।आमतौर पर यह छूट विदेशी राजनेताओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उनके अधिकारियों, सेना, दूसरे देशों से गुजरने वाली सेना, युद्धपोतों, दूतावासों के परिसर आदि को मिलती है।अमेरिका के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क में बने संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर को भी extraterritoriality के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत स्थानीय कानूनों से इम्यूनिटी यानी छूट है। हेडक्वार्टर का पता 760 यूनाइटेड नेशन्स प्लाजा, मैनहैटन, न्यूयॉर्क सिटी है।1947 में संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत, इस वैश्विक संस्था के पास काफी स्वायत्तता है।पुलिस और अमेरिकी अधिकारियों को UN प्लाजा के अंदर जाने के लिए अनुमति लेनी होती है। इसी तरह अगर अमेरिका का कोई संघीय, राज्य या स्थानीय कानून संयुक्त राष्ट्र के नियमों के विरुद्ध है तो वह इस कैंपस में लागू नहीं होता।

बोल्सोनारो ने सभी नियम दरकिनार कर दिया भाषण, अब क्वारैंटाइन

आखिरकार बोल्सोनारो ने UN के सभी नियमों को दरकिनार करते हुए महासभा में भाषण दिया। वे इस साल महासभा में बोलने वाले सबसे पहले राष्ट्राध्यक्ष थे। उनके भाषण से पहले ही उनके साथ न्यूयॉर्क गए ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मर्सेलो क्विरोगा कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उन्हें न्यूयॉर्क में ही आइसोलेट कर दिया गया है। इसके बाद ही राष्ट्रपति बोल्सोनारो समेत उनके साथ गए पूरे प्रतिनिधिमंडल को ब्राजील के हेल्थ रेगुलेटर एनवीजा ने राजधानी ब्रासिलिया में क्वारैंटाइन रहने को कहा है।

इस बार 127 देशों के नेता व्यक्तिगत तौर पर देंगे भाषण

इस साल करीब 104 राष्ट्राध्यक्ष/सरकारों के प्रमुखों के अलावा 23 कैबिनेट मंत्री संयुक्त राष्ट्र असेंबली हॉल के मार्बल रोस्ट्रम में व्यक्तिगत रूप से भाषण देंगे।बाकी देशों के नेता वीडियो के जरिए महासभा में बोलेंगे। पिछले साल कोरोना के प्रकोप के चलते सभी नेताओं ने वीडियो के जरिए ही अपनी बात महासभा में रखी थी।इस बार जो नेता पहुंचेंगे वो अपने साथ ज्यादा से ज्यादा 6 लोगों को ही संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर में ला सकेंगे।हेडक्वार्टर कैंपस में मौजूद संयुक्त राष्ट्र के सभी कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन लगवाई जा चुकी है।

Related Articles

Back to top button