दिल्ली में फिर शुरू हुआ पानी पर घमासान, जानिए हर रोज पानी की जरूरत?

नई दिल्ली. दिल्ली में अगले सप्ताह मानसून (Monsoon) आने की संभावना है. लेकिन राजधानी में पानी की किल्लत (Water Crisis) एक बार फिर पैदा हो गई है. दिल्ली की अधिकांश अनधिकृत कालोनियों, झुग्गी बस्तियों और पुनर्वास कालोनियों  के अलावा नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (New Delhi Municipal Council) के चाणक्यपुरी जैसे इलाके में पानी की भीषण समस्या सामने आ रही है.

इससे दिल्ली सरकार (Delhi Government) और दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के शहर में समुचित पानी सप्लाई के सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. पानी की किल्लत को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल भी दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) से समर एक्शन प्लान (Summer Action Plan) तलब कर चुके हैं.

बताते चलें कि दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर मचे कोहराम पर केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) विपक्ष के निशाने पर एक बार फिर से आ गई है. साथ ही विपक्ष ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए दिल्ली सरकार से पूछा है कि आखिरकार आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद सरकार की ओर से दिए गए 47,000 करोड़ रुपए कहां गये?

विपक्ष यह भी आरोप लगा रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड को सरकार ने 47,000 करोड रुपए स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के नाम पर दिए थे. लेकिन उसका परिणाम यह निकला कि अभी 40 फीसदी आबादी को भी फिल्टर वाटर नहीं पहुंच पा रहा है.

इस बीच दिल्ली सरकार की माने तो राजधानीवासियों को जल बोर्ड के पानी की समुचित सप्लाई के लिए  पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है. 93 फीसदी कॉलोनियों के अंदर पानी की पाइप लाइन बिछा दी गई हैं. और लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी की सप्लाई की जा रही है.

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का यह भी दावा करते आ रहे हैं कि दिल्ली के लोगों को 24 घंटे सातों दिन पानी की सप्लाई करने पर काम किया जा रहा है. आने वाले समय में लोगों को 24 घंटे नल से पानी उपलब्ध होगा, इस पर सरकार तेजी से काम कर रही है.

फिलहाल इन इलाकों में हो रही है सबसे ज्यादा पानी की किल्लत

दिल्ली के जिन इलाकों में पानी की किल्लत सबसे ज्यादा हो रही है, उनमें तुग़लकाबाद, आनंद पर्वत, मंडावली, बुराड़ी, शक्तिनगर और तमाम इलाके प्रमुख रूप से शामिल है. इन इलाकों में लोगों को कई दिनों से पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के अंतर्गत आने वाली झुग्गी बस्तियों में भी पानी की भीषण किल्लत हो गई है.

जानकारी के मुताबिक दिल्ली को हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पानी की सप्लाई की जाती है. हरियाणा से मिलने वाले कच्चे पानी को दिल्ली स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (Water Treatment Plant) में शोधित करके दिल्लीवालों के लिए सप्लाई किया जाता है. लेकिन दिल्ली और हरियाणा के बीच रॉ वॉटर (Raw Water) को लेकर हमेशा टकराव की स्थिति बनी रही है. मौजूदा समय में भी सुप्रीम कोर्ट में पानी की कम सप्लाई को लेकर मामला विचाराधीन है.

बताते चलें कि हरियाणा की ओर से दिल्ली को हर रोज 1133 क्यूसेक पानी की सप्लाई करने का दावा किया जाता रहा है. वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से हरियाणा पर आरोप लगाए जाते रहे हैं कि हरियाणा सिर्फ दिल्ली को 479 एमजीडी पानी की ही सप्लाई करता है जबकि दिल्ली की आबादी के मुताबिक उसको हर रोज 609 एमजीडी पानी की जरूरत होती है. दिल्ली में पानी की समुचित सप्लाई का नहीं होने का बड़ा कारण हरियाणा से डिमांड के मुताबिक पानी नहीं मिलना है.

पानी की कमी पर जल बोर्ड यह दे चुका है सुप्रीम कोर्ट में दलीलें

दिल्ली जल बोर्ड सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में यह हलफनामा दे चुका है कि उसको कैरीड लाइन चैनल (CLC) के जरिए 579 क्यूसेक और दिल्ली सब ब्रांच (DSB) से 306 क्यूसेक पानी की सप्लाई होती है. यह हथनीकुंड व मुनक नहर के साथ-साथ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के जरिए दिल्ली को सप्लाई किया जाता है. लेकिन इस पर हरियाणा यह दावा करता रहा है कि वह हर रोज 120 क्यूसेक पानी यमुना के जरिए दिल्ली को मुहैया कराता है.

वहीं, हरियाणा का दिल्ली पर लगातार यह भी आरोप लगता रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड सीधे तौर पर मिलने वाले पानी को यूज नहीं करता है बल्कि वह खेती आदि के लिए भी हरियाणा से मिलने वाले पानी को प्रयोग करता रहा है. जल बोर्ड ने अपने वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों को भी अपग्रेड नहीं किया है.

दिल्ली जल बोर्ड यहां स्टोर करता है हरियाणा से मिले पानी को 

जानकारी के मुताबिक यमुना के जरिए दिल्ली को मिलने वाले 120 क्यूसेक पानी को दिल्ली जल बोर्ड अपने ओखला, बवाना, द्वारका, वजीराबाद हैदरपुर आदि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में स्टोर करता है. इसके बाद इस पानी को पीने योग्य बनाया जाता है.

इस पर हरियाणा पर यह भी आरोप लगता रहा है कि यमुना में अमोनिया का ज्यादा लेवल बढ़ने की वजह से दिल्ली को पानी की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रही है. यमुना में अमोनिया का ज्यादा लेवल बढ़ने की वजह से दिल्ली पानी की सप्लाई को पर्याप्त मात्रा में नहीं कर पाता है

दिल्ली में उपजे जल संकट पर  बीजेपी ने लगाए यह आरोप

दिल्ली में जल संकट पर भाजपा ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल हर बार चुनाव से ठीक पहले साफ पानी और दिल्ली के सभी कालोनियों में पाइप लाइन बिछाने का वादा करते हैं. लेकिन पिछले 7 सालों में इस पर कुछ भी बदलाव देखने को नहीं मिला है.

दिल्ली की जनता काे स्वच्छ जल पीने का सपना आज भी अधूरा है क्योंकि घर में लगे 20 से अभी तक पानी आने का इंतजार हो रहा है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि साल 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार थी तो पानी टैंकर ऊपर 1,109 करोड़ रुपए खर्च होते थे क्योंकि अधिकांश कॉलोनियों में पानी की सप्लाई नहीं थी. लेकिन केजरीवाल सरकार के अनुसार अगर 93% कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछा दी गई है तो पानी टैंकर ऊपर 1,783 करोड रुपए का खर्च कई सवाल खड़े करता है. बावजूद इसके लोग पानी टैंकरों से पानी लेने के लिए लंबी लाइन लगाने के लिए मजबूर हैं.

कांग्रेस ने भी लगाए केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने आरोप लगाए हैं कि केजरीवाल सरकार लोगों को 24 घंटे हर घर के नल में और मुफ्त पानी देने की घोषणा पूरी तरीके से खोखली साबित हुई है. दिल्ली में पानी की सप्लाई कुल 5 घंटे की है और सच्चाई यह है कि दिल्ली में केवल 13% परिवारों को ही मुफ्त पानी का फायदा मिल रहा है.

केजरीवाल सरकार ने पिछले 7 सालों में पानी की क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया है. दिल्ली में बढ़ती आबादी के अनुसार 1,380 एमजीडी पानी की जरूरत होती है. लेकिन जल बोर्ड केवल 900 एमजीडी पानी ही उत्पादन कर पा रहा है भीषण गर्मी के समय में अनाधिकृत कॉलोनियों, पुनर्वास कॉलोनियों, जेजे बस्तियों आदि में जल संकट गहराया हुआ है.

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