अमित शाह-कैप्टन अमरिंदर की मुलाकात से कांग्रेस का हुआ बुरा हाल, ऐसे बोला हमला

कांग्रेस में खुद को ‘अपमानित’ महसूस किए जाने का दावा करके हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात के साथ ही कैप्टन की योजनाओं को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। अमित शाह और कैप्टन के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। इस मुलाकात पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि पंजाब में एक दलित को मुख्यमंत्री बनाने पर सत्ता में बैठे मठाधीशों के अहंकार को ठेस पहुंची है। गृहमंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है।

कांग्रेस नेता और प्रवक्ता सुरजेवाला ने अमित शाह और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात के बाद ट्वीट किया और लिखा, ‘सत्ता में बैठे मठाधीशों के अहंकार को ठेस पहुंची है, क्योंकि एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया तो वो पूछते हैं कि कांग्रेस में फ़ैसले कौन ले रहा है? दलित को सर्वोच्च पद दिया जाना उन्हें रास नहीं आ रहा। दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘अमित शाह जी व मोदी जी पंजाब से प्रतिशोध की आग में जल रहे हैं। वे पंजाब से बदला लेना चाहते हैं क्योंकि वे किसान विरोधी काले कानूनों से अपने पूंजीपति साथियों का हित साधने में अब तक नाकाम रहे हैं। भाजपा का किसान विरोधी षड्यंत्र सफल नहीं होगा।’ बता दें कि पंजाब में जारी सियासी घमासान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार शाम को अमित शाह से मिलने उनके आवास पहुंचे थे। इस मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार की तरफ से कहा गया, ‘दिल्ली में कैप्टन अमरिंदर सिंह की केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है। मुलाकात के दौरान लंबे समय से चल रहे किसानों के आंदोलन और कृषि कानूनों पर चर्चा हुई। पूर्व सीएम ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि वो जल्द से जल्द इस कानून को वापस लें और एमएसपी की गारंटी दें।’

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में पंजाब के सीएम पद से अपना इस्तीफा दिया है। कैप्टन के इस्तीफे के बाद उनके दिल्ली के इस कार्यक्रम को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वे तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसी बड़ी पहल के साथ दिल्ली पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि वे किसान आंदोलन खत्म कराने में बड़ा रोल अदा कर सकते हैं और इसके लिए केंद्र सरकार से कोई रणनीति तैयार करा सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह की जल्द ही अमित शाह के साथ दूसरे दौर की वार्ता हो सकती है। पीएम मोदी से भी मिलने की संभावना है, जिसमें अंतिम दौर की बात होगी। पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लंबे समय तक चली तनातनी के बाद कैप्टन ने आंतरिक कलह से परेशान होकर अपना इस्तीफा दिया था। ऐसा कहा जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कृषि कानूनों पर चल रहे विवाद का हल निकाल कर बीजेपी में एंट्री मार सकते हैं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं। उन्हें केंद्र में कृषि मंत्री बनाये जाने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तो पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में भी शामिल कर कृषि मंत्री बनाया जा सकता है।

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