कांग्रेस ने आज बुलाई बैठक, कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ 40 विधायकों ने खोला मोर्चा

चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत की ओर से शुक्रवार देर रात किए गए ट्वीट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि शनिवार को चंडीगढ़ में पीपीसीसी मुख्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. बैठक शाम को पांच बजे होगी.

हरीश रावत ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर देर रात घोषणा की, ‘एआईसीसी को कांग्रेस पार्टी के बड़ी संख्या में विधायकों से एक प्रतिनिधित्व मिला है, जिसमें पंजाब के कांग्रेस विधायक दल की तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया है. इसलिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में 18 सितंबर को शाम 5:00 बजे सीएलपी की बैठक बुलाई गई है.’

रावत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने पीपीसीसी को बैठक को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया है. रावत ने कहा, ‘पंजाब के सभी कांग्रेस विधायकों से अनुरोध है कि कृपया इस बैठक में शामिल हों.’ कुछ मिनट बाद, पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने भी बैठक के बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘एआईसीसी के निर्देश के अनुसार, पीपीसीसी कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है.’

यूं तो कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक के एजेंडा तो सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह बैठक पंजाब कांग्रेस के 40 विधायकों द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के एक दिन बाद बुलाई गई है. इन विधायकों ने चिट्ठी में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए सीएलपी की बैठक बुलाने की मांग की थी. सूत्रों ने बताया कि विधायकों ने पत्र के जरिये पार्टी अध्यक्ष को यह भी बताया कि वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिए गए पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडे पर चर्चा करेंगे.

कैप्टन कैंप की ओर से इस घटनाक्रम पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं सूत्रों ने कहा कि हरीश रावत के अलावा, दिल्ली से पार्टी के दो पर्यवेक्षक हरीश चौधरी और अजय माकन के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है. चौधरी राहुल गांधी के विश्वासपात्र और राजस्थान कैबिनेट में मंत्री हैं.

बता दें कि पिछले महीने राज्य के चार मंत्रियों और अनेक विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ असंतोष के स्वर उठाए थे और कहा था कि उन्हें अब इस बात का भरोसा नहीं है कि अमरिंदर सिंह में अधूरे वादों को पूरा करने की क्षमता है.

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