पश्चिमी UP के लाखों कांवड़ियों में कन्फ्यूजन, गंगाजल कैसे लेंगे?

मेरठ. कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) के फैसले के बाद अब वेस्ट यूपी (Western UP) के कांवड़िए (Kanwariyas) पशोपेश में हैं. वो समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्‍या होगा, क्योंकि एक तरफ यूपी सरकार (UP Government) कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) सम्पन्न कराने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ उत्तराखण्ड सरकार ने इस पर बैन लगा दिया है. वेस्ट यूपी के लाखों कांवड़ियों का कहना है कि हरिद्वार से गंगाजल लाने की परम्परा को भी वो तोड़ नहीं सकते.

विश्व प्रसिद्ध कांवड़ यात्रा को लेकर उत्‍तराखंड सरकार के निर्णय के बाद अब ख़ासतौर से वेस्ट यूपी के लाखों कांवड़िए कंफ्यूज़न में हैं कि होगा क्या? यहां के कांवड़ियों का कहना है कि पिछले वर्ष भी कांवड़ यात्रा कोरोना की वजह से सम्पन्न नहीं हो पाई थी और इस बार भी कंफ्यूज़न की स्थिति है. कांवड़िए समझ नहीं पा रहे हैं कि उत्तराखण्ड सरकार के निर्णय के आधार पर अगर वो हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल भरकर वो ला ही नहीं पाएंगे तो यात्रा पूर्ण कैसे होगी? दिल से कांवड़िए भक्ति की धारा में बह रहे हैं, लेकिन जब बात कोरोना की आती है तो वो सेहत का ख्य़ाल रखना भी जरूरी बताते हैं.

कांवड़िए कह रहे हैं कि हरिद्वार से गंगाजल लाने की परंपरा है और वो इस परंपरा को नहीं तोड़ सकते. इसलिए सरकार को लिमिटेड संख्या में कांवड़ियों को हरिद्वार से गंगाजल लाने की अनुमति देनी चाहिए. ये भक्त सरकार से मांग कर रहे हैं कि कैलाश मानसरोवर और अमरनाथ की तर्ज़ पर कांवड़ यात्रा सम्पन्न होनी चाहिए. एक तरफ कांवड़ यात्रा को लेकर भक्तों में कंफ्यूज़न की स्थिति है तो दूसरी तरफ विभिन्न विभाग के अधिकारी तैयारी में जुटे हुए हैं.

मेरठ में अधिकारी कांवड़ यात्रा को लेकर मंथन में जुट गए हैं. ऑफिसर्स का कहना है कि इस साल अभी तक निर्देश है कि कांवड़ यात्रा होनी है. अफसरों का कहना है कि जैसा निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा. देखने वाली बात होगी कि आगे क्या होता है?

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