CM योगी से मिला सम्मान, आज भीख मांगने को मजबूर – रुला देगी टमाटर चाट वाले की दर्दभरी कहानी !

जिस शख्स की टमाटर चाट का स्वाद प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा, आज वही सड़क पर भीख मांगने को मजबूर है। ये कहानी है वाराणसी के राजू शर्मा की, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी ने 21 हजार रुपये देकर सम्मानित किया था, लेकिन आज पुलिस की कार्रवाई के कारण उनकी रोज़ी-रोटी छिन चुकी है।
पुलिस कमिश्नर के आदेश पर हटाया गया ठेला
राजू शर्मा का टमाटर चाट का ठेला मैदागिन के टाउनहॉल गेट पर वर्षों से लग रहा था। लेकिन हाल ही में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर उनका ठेला हटा दिया गया। राजू का कहना है कि उन्हें धमकी दी गई कि अगर दोबारा ठेला लगाया तो उन्हें 6 महीने के लिए जेल भेज दिया जाएगा। अब पेट पालने के लिए उनके पास भीख मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
परिवार के साथ भीख मांगते दिखे राजू
राजू शर्मा को जब लोगों ने परिवार समेत भीख मांगते हुए मैदागिन क्षेत्र में देखा, तो भीड़ उमड़ पड़ी। लोग उन्हें पहचान कर स्तब्ध रह गए। पूछे जाने पर राजू ने कहा, “पेट पालने का सवाल है, कुछ भी करूंगा। पुलिस ने ठेला हटा दिया, अब भीख मांगना मजबूरी बन गई है। या तो जेल जाऊं या पेट भरूं।”
जिस टमाटर चाट का स्वाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सीएम ले चुके
राजू शर्मा का दावा है कि उनकी टमाटर चाट का स्वाद राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री निवास तक पहुंच चुका है। “मेरी चाट की तारीफ खुद सीएम योगी ने की थी, पीएम और राष्ट्रपति के लिए मेरा स्टॉल लगाया गया था। अब उसी सरकार में मेरे साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है,” राजू ने भावुक होकर कहा।
सीएम योगी ने 21 हजार देकर किया था सम्मानित
राजू शर्मा को यूपी सरकार की ओर से पटरी व्यवसायियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 हजार रुपये देकर सम्मानित किया था। राजू, मैदागिन जोन के पटरी व्यवसायी समिति के अध्यक्ष भी हैं। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई से वह आज खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
“आज भगवान की तरह लगाए हैं पीएम और सीएम की तस्वीरें”
राजू ने कहा, “हम लोग किराए के मकान में रहते हैं। एक हफ्ते से दुकान बंद है, कोई आय नहीं हो रही। आज हम भीख मांग रहे हैं, और साथ में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें रखी हैं, क्योंकि इन्हीं की वजह से हमें रोज़ी-रोटी मिली थी। ये हमारे लिए भगवान जैसे हैं।”
लोकल प्रशासन पर उठे सवाल, रोजगार की लड़ाई लड़ने की मांग
राजू की इस स्थिति को देखकर स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। सवाल उठ रहे हैं कि जिस व्यक्ति को सरकार ने सम्मानित किया, उसके साथ ही ऐसा भेदभाव क्यों? यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि हज़ारों छोटे दुकानदारों, फेरीवालों और पटरी व्यवसायियों के भविष्य का सवाल बन गया है।