नवाब मालिक की गिफ्तारी के बाद सीएम उद्धव ठाकरे व शरद पवार ने की अहम बैठक, जानें क्या होगा फैसला

नवाब मालिक की गिफ्तारी के बाद सभी पार्टियों की नजरें कोर्ट के फैसले हैं टिकीं

लखनऊ: ईडी ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मालिक को दाउद इब्राहिम और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपियों से जमीन खरीदने के मामले मनी लॉड्रिंग केस अरेस्ट किया है. बुधवार यानी 23 फरवरी को हुई इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और शरद पवार के बीच इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई. यह मीटिंग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास ‘वर्षा’ पर हो रही है.

शरद पवार व महाविकास आघाडी सरकार से संबंधित मंत्री मुख्यमंत्री आवास में मौजूद हैं. नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद भाजपा की तरफ से नियमों का हवाला देते हुए मंत्रिपद से उनका इस्तीफा मांगा जा रहा है. नियम और परंपरा के मुताबिक गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ता है, लेकिन इससे पहले एनसीपी से जुड़े नेताओं की मीटिंग बुलाई गई.

एनसीपी की इस अहम मीटिंग में उप मुख्यमंत्री अजित पवार, प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील, मंत्री छगन भुजबल, राजेश टोपे समेत कांग्रेस के भी नेताओं को बुलाया गया है. जयंत पाटील मुंबई से बाहर थे वह मीटिंग में शमिल्म होने के लिए मुंबई पहुंच रहे हैं. एक नियमित कार्रवाई के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को नवाब मलिक की गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है.

NCP नेताओं के दो मत, कोर्ट के निर्णय से पहले न लें इस्तीफा

फिलहाल मीटिंग शुरू है इसमें एनसीपी के नेता कोर्ट के रिमांड पर होने वाले फैसले का इंतजार कर रहे हैं. नवाब मलिक पर आरोप काफी गंभीर लगा है. ईडी की ओर से सीधे उनका संबंध ‘टेरर फंडिंग’ से जो़ड़ा जा रहा है. ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह की इस दलील पर नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने आपत्ति दर्ज करवाई है.

नवाब मलिक के इस्तीफे को लेकर एनसीपी नेताओं के दो मत हैं. एक मत है कि रिमांड पर फैसले से पहले नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लिया जाए. यानी कोर्ट के फैसले पर इस मीटिंग के बाद निर्णय फैसला लिया जाएगा. लेकिन ज्यादा नेताओं का मत है कि कोर्ट का निर्णय कुछ भी आए, इस्तीफा लेने की जरूरत नहीं है.

कोर्ट के फैसले पर पार्टियों की टिकी नजरें

महाविकास आघाडी की तरह ही भजाप की भी शाम 6 बजे मीटिंग होने वाली थी. देवेंद्र फडणवीस की प्रेस वार्ता को फिलहाल स्थगित किया गया है. बीजेपी को भी कोर्ट के फैसले का इंतजार है. कोर्ट के निर्णय के बाद ही इस मुद्दे पर भाजपा अपनी आगे की रणनीति तय करेगी.

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