क्या है तिब्बत पर चीन की चाल?

जिनपिंग ने तिब्बत में तैनात सैन्य बटालियन को सराहा, कहा- पांच साल में इस यूनिट ने बेहतरीन काम किया

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी उस बटालियन की तारीफ की है जो भारत से लगने वाली सीमा पर तैनात है। जिनपिंग ने एक लेटर में कहा कि इस बटालियन ने पांच साल में अपने काम को बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया है। यह बटालियान तिब्बत और अरुणाचल के बीच किसी लोकेशन पर तैनात है। चीन के ऑफिशियल मीडिया ने इस बारे में जानकारी दी है।

जुलाई में तिब्बत गए थे जिनपिंग
इसी साल जिनपिंग ने तिब्बत के अरुणाचल से लगने वाले बॉर्डर टाउन निंगची का दौरा किया था। स्थानीय लोगों से भी मुलााकत की थी। भारतीय और अमेरिकी मीडिया ने जिनपिंग के इस दौरे को तनाव बढ़ाने वाला बताया था। जिनपिंग के पहले चीन का कोई राष्ट्रपति भारत के बॉर्डर से लगने वाले इलाकों के दौरे पर नहीं गया था।

ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा- राष्ट्रपति जिनपिंग ने तिब्बत में तैनात बॉर्डर गार्ड बटालियन के काम की तारीफ की है। उन्होंने इसे मॉडल बटालियन बताया है। इस यूनिट ने पांच साल में अपनी जिम्मेदारियों को जिस ढंग से निभाया है वो पार्टी और लोगों को उत्साह बढ़ाते हैं।

चीन की वेस्टर्न कमांड
जिनपिंग ने तिब्बत में तैनात जिस बटालियन को मॉडल बताया है वो झिजांग (तिब्बत का चीनी नाम) में तैनात है। 2016 में इस यूनिट को विशेष सम्मान से नवाजा गया था। इसके साथ ही एक और यूनिट को भी यह सम्मान मिला था, लेकिन वो चीन की नेवी यूनिट थी। जिनपिंग पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी चीन की सेना के सर्वोच्च कमांडर भी हैं। यह यूनिट चीन की वेस्टर्न कमांड का एक अहम हिस्सा है।

तिब्बत में चीन वहां के लोगों को दबाकर रखता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 22 जुलाई को जब जिनपिंग तिब्बत के सीमावर्ती इलाके के दौरे पर गए थे तो इसके एक दिन पहले स्थानीय लोगों से दुकानें बंद रखने को कहा गया था। लोगों को जिनपिंग के आने की जानकारी भी नहीं थी। जिनपिंग ने यहां एक जनसभा को भी संबोधित किया था। इसमें लोगों से कम्युनिस्ट पार्टी के आदर्शों पर चलने को कहा था। इस दौरान वे ल्हासा भी गए थे।

यूनिट का कोड
चीनी सेना तिब्बत में तैनात इस बटालियन को 77656 ट्रूप कहती है। इसके मुताबिक, यह बटालियन सिर्फ चीनी सरहदों की हिफाजत ही नहीं करती, बल्कि आपदा प्रबंधन और सहायता में भी अहम किरदार अदा करती है।

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