LAC पर चीन ने पीछे खींचे कदम: पूर्वी लद्दाख में तकरार का अंत
LAC पर चीन ने अपनी सेना के कुछ हिस्सों को पीछे हटाने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत-चीन सीमा पर चल रही तकरार को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत है।

स्थिति का सारांश
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन ने अपनी सेना के कुछ हिस्सों को पीछे हटाने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत-चीन सीमा पर चल रही तकरार को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत है। पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में तनाव बना हुआ था, लेकिन अब स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
चीन की सैन्य गतिविधियाँ
चीन ने हाल के महीनों में LAC के निकट अपने सैनिकों की संख्या में कमी की है। सूत्रों के अनुसार, चीन ने कुछ पोस्टों से अपनी सेना को हटा लिया है और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या को कम किया है। यह कदम चीन के नेतृत्व द्वारा स्थिति को सामान्य करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
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भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने चीन के इस कदम का स्वागत किया है। भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारियों को बनाए रखा है, लेकिन स्थिति के विकास के साथ भारतीय नेतृत्व सतर्कता बनाए रखेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के कदम सीमाओं पर शांति स्थापित करने में मदद कर सकते हैं और लंबे समय तक संघर्ष को टाल सकते हैं।
पूर्वी लद्दाख में तनाव का इतिहास
पूर्वी लद्दाख में तनाव की शुरुआत 2020 में हुई थी, जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद से दोनों देशों ने अपने-अपने सैनिकों की संख्या में इजाफा किया था। कई बार कूटनीतिक वार्ताओं के बावजूद, स्थिति सामान्य नहीं हो पाई थी। लेकिन अब चीन का कदम सकारात्मक दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
संभावित प्रभाव
चीन के इस कदम का प्रभाव न केवल भारतीय सैन्य रणनीति पर पड़ेगा, बल्कि इसे क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी देखा जा रहा है। यदि स्थिति में स्थायी सुधार होता है, तो यह क्षेत्रीय विकास और सहयोग को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, भारत और चीन के बीच आर्थिक संबंधों में भी सुधार की संभावना है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि LAC पर स्थिति में सुधार से दोनों देशों के बीच बातचीत की संभावनाएँ बढ़ेंगी। इससे न केवल सैन्य तनाव कम होगा, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, भारत को सतर्क रहना होगा और अपनी रणनीति में परिवर्तन के साथ-साथ अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
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पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन द्वारा उठाए गए कदम एक सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, यह आवश्यक है कि दोनों देश इस दिशा में आगे बढ़ें और स्थायी समाधान खोजें। शांति और स्थिरता के लिए निरंतर वार्ताएँ और सहयोग आवश्यक हैं, ताकि क्षेत्र में सभी के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।