CM चन्नी ने कहा- सिद्धू खुद मुख्यमंत्री बन जाएं और 2 महीने में दिखा दें परफार्मेंस

पंजाब में सिद्धू के रवैये से मुश्किल में कांग्रेस:

कैप्टन अमरिंदर के बाद सिद्धू अब नए CM चरणजीत चन्नी से भी टकरा रहे हैं।

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदायगी के बाद भी कांग्रेस की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। CM बनने के लिए छटपटा रहे नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के बीच की बैठक में बड़ी बात सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो रविवार को बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान सिद्धू का रवैया देख चन्नी ने CM पद छोड़ने की बात तक कह दी।

उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं। नवजोत सिद्धू CM बन जाएं और 2 महीने में परफॉर्म कर के दिखा दें। इस मीटिंग में कांग्रेस ऑब्जर्वर हरीश चौधरी, राहुल गांधी के करीबी कृष्णा अल्लावरू और मंत्री परगट सिंह भी मौजूद थे। हालांकि कांग्रेसी अब खुलकर इस पर कुछ नहीं कह रहे। बैठक में हुई नोकझोंक अब बाहर नजर आने लगी है।

इसके अगले दिन CM चन्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की उसने सिद्धू के बारे में पूछा गया तो वो कह उठे कि सिद्धू को यहां बिठा देंगे। सूत्रों के मुताबिक रविवार को CM के साथ बैठक में सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे 13 सूत्रीय एजेंडे का मुद्दा उठाया। सिद्धू ने CM से पूछा कि वह उन वादों को क्यों पूरा नहीं कर रहे, जिनके लिए पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर उन्हें CM बनाया गया।

सिद्धू हाथ पकड़कर CM चन्नी को चलाना चाहते थे लेकिन वैसा नहीं हुआ।

यह सुनकर चन्नी ने कहा कि उनके पास सिर्फ 60 दिन बचे हैं। वह वादों को पूरा करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद सिद्धू एक-एक बात को लेकर पूछताछ करते रहे। सिद्धू ने जब युवाओं को सरकारी नौकरी की बात पूछी तो CM बहुत नाराज हो गए। जिसके बाद यह तल्खी सामने आई है।

सिद्धू को फिर इशारा, पार्टी ही सुप्रीम
CM चन्नी ने नवजोत सिद्धू को फिर इशारा किया कि पार्टी ही सुप्रीम है। सिद्धू के रवैये से CM की परेशानी भी दिखी। उन्होंने सिद्धू के 13 सूत्रीय एजेंडे के सवाल पर कह डाला कि चाहे 13 हो या 18, 21 या 24 सूत्रीय एजेंडा हो, इसे पूरी तरह लागू किया जाएगा। CM ने कहा कि सिद्धू प्रदेश के पार्टी प्रधान हैं। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मुद्दे उठाए हैं, जिसमें कोई बुराई नहीं है। उनके ऊपर भी पार्टी हाईकमान है। मुद्दे हल होंगे लेकिन पार्टी सर्वोपरि है।

सिद्धू ने मुख्यमंत्री बदलने के बाद खुद को सुपर-CM की तरह भी प्रोजेक्ट करना चाहा।

सिद्धू के पत्र सार्वजनिक करने पर नाराज कांग्रेस हाईकमान
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू के सोनिया गांधी को लिखे पत्र को सार्वजनिक करने पर भी कांग्रेस हाईकमान नाराज है। सोनिया ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में कहा था कि उनसे मीडिया के जरिए बात न करें। उसके बाद सिद्धू ने लेटर लिखकर उसे ट्विटर पर डाल दिया। इसको लेकर पंजाब में कांग्रेस ऑब्जर्वर हरीश चौधरी ने सिद्धू के आगे एतराज जताया।

मंत्रिमंडल को लेकर भी सिद्धू को जवाब दिया
नवजोत सिद्धू ने पत्र में लिखा था कि चरणजीत चन्नी को CM बनाने के बाद भी अनुसूचित जाति को कुछ नहीं मिला। इसमें सिद्धू ने मंत्रिमंडल में अनुसूचित और पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठाया था। इस पर सिद्धू को बताया गया कि दो बार के विधायकों को मंत्रिमंडल में लिया गया है। जिसमें मजहबी सिख और ओबीसी के विधायक नहीं थे। एक ओबीसी विधायक मंत्रिमंडल में लिया गया है।

CM चन्नी पीछे और सिद्धू के आगे बैठने की यह तस्वीर भी काफी चर्चा में रही थी।

सिद्धू को लेकर हाईकमान भी चिंतित
कांग्रेस सिद्धू के सहारे अगले पंजाब चुनाव में जीत तय मान रही थी। इसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से तक हटा दिया। अब चर्चा है कि सिद्धू ने हाईकमान की भी चिंता बढ़ा रखी है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने CM चन्नी को कहा है कि सिद्धू को कोई ऐसा मुद्दा न दें, जिससे पार्टी की छवि खराब हो। करीब 20 दिन से सिद्धू को मनाने की कोशिशें हो रही हैं। पंजाब चुनाव की घोषणा में अब करीब 2 महीने ही बचे हैं, ऐसे में राज्य में कांग्रेस का प्रधान बदलना भी संभव नहीं। वहीं, सिद्धू संगठन भी नहीं बना रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस हाईकमान के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

मार्च में भी दिखी थी सिद्धू की छटपटाहट
नवजोत सिद्धू CM बनने के लिए किस कदर छटपटा रहे हैं, यह पंजाब कांग्रेस के कुछ दिन पहले लखीमपुर खीरी मार्च की मोहाली से रवानगी के वक्त भी दिखा था। CM चन्नी के देरी से आने पर सिद्धू तिलमिला गए थे। यहां तक कह दिया था कि पंजाब में कांग्रेस को सक्सेस दिखती, अगर उन्हें CM बनाया होता। इससे पहले भी सिद्धू कैप्टन अमरिंदर को हटाने के बाद खुद CM बनने का दावा ठोक चुके हैं। हालांकि तब चन्नी को CM बना दिया गया था।

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