छांगुर बाबा धर्मांतरण केस में अपर्णा यादव का बयान वायरल! योगी-अखिलेश दोनों के कान खड़े — सुनिए क्या बोला?

उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ धर्मांतरण की आग लगने के बीच, भाजपा सांसद और राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने छांगुर बाबा नामक कथित धार्मिक उस्ताद के मामले पर करारा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि योगी सरकार किसी भी तरह के जबरन धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे मामलों का कानूनी रूप से सख्ती से इलाज करेगी।

क्या है छांगुर बाबा मामला?

छांगुर बाबा (जमालुद्दीन) पर आरोप है कि उसने गोंडा व लखनऊ सहित यूपी के विभिन्न जिलों में नरिहित लड़कियों को सेक्शुअल रूप से प्रभावित कर जबरन धर्मांतरण कराया।

ATS (Anti-Terrorism Squad) ने बाबा को अरेस्ट कर ‘धार्मिक परिवर्तन रैकेट’ का आरोपी बताया है। उसने “रेट लिस्ट” के माध्यम से वित्तीय, ब्याज और शादी का लालच देकर धर्मपरिवर्तन कराए।

अपर्णा यादव ने क्या कहा?

अपर्णा यादव ने जबरन धर्मांतरण जैसे घोर धार्मिक अपराध के खिलाफ यूपी सरकार की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी सरकार जबरन धर्मांतरण कराने वालों का ठीक से इलाज करेगी” ।

उन्होंने अनेक धर्मों के लिए भारत में जगह है, लेकिन सनातन धर्म के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ मंगलवार को उन्होंने गोंडा स्थित CHC व स्कूलों का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं में खामियां निकाल कर सुधारात्मक निर्देश दिए।

SCW की अध्यक्ष ने की फांसी की मांग

उत्तर प्रदेश महिला आयोग (SCW) की अध्यक्ष बबिता चौहान ने छांगुर बाबा के लिए डेथ पेनल्टी की सिफारिश की है, यह कहते हुए कि यह एक “वेल-प्लान्ड साजिश” थी जिसमें कमजोर वर्गों और विधवाओं को निशाना बनाया गया।

चौहान ने प्रधानमंत्री केन्द्र सरकार और सीएम योगी के कानूनों की जमकर तारीफ की और सब महिलाओं से आवाज उठाने की अपील की ।

क्या है यूपी का विरोध धर्मांतरण कानून?

यूपी की सरकार ने 2020 में “उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अध्यादेश” लागू की थी, जिसे बाद में कड़ा बना दिया गया।

इसके तहत जबरन धर्मांतरण शादी के पूर्व अप्राकृतिक संदेह आदि पर 10 साल तक की जेल और भारी जुर्माना का प्रावधान है। सरकार की कार्रवाई और भविष्य का रास्ता

ATS की कार्रवाई के बाद अब सवाल ये है कि SCW की फांसी की मांग कब तक कानूनी रूप में आगे बढ़ेगी।

अपर्णा यादव, SCW, और जनता के दवाब में सरकार जांच और सजा की प्रक्रिया तेज कर सकती है।

साथ ही, दूसरे राज्यों में धर्मपरिवर्तन के आरोपों पर यूपी मॉडल लागू करने की संभावनाएं भी तेज हो रही हैं।

छांगुर बाबा मामला अब राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन चुका है। SCW अध्यक्ष की फांसी की मांग, अपर्णा यादव के सख्त बयान, और यूपी के कड़े कानून—ये सब मिलकर सत्ता और समाज में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाए जाने की दिशा में संकेत देते हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार अगली क्या कार्रवाई करती है।

 

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