बाइडन के सामने बड़ी चुनौती, रूस के साथ अमेरिका के संबंधों को संतुलित रखने की कोशिश

अमेरिका (America) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) को रूस (Russia) के साथ अमेरिका के संबंधों में संतुलित रुख रखने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है।

पुतिन के खिलाफ रुख सख्त

दरअसल, बाइडन प्रशासन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करना चाहता है, लेकिन वह डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दौर के बाद कूटनीतिक संबंधों की गुंजाइश भी बनाए रखना चाहता है और इसे लेकर कशमकश में हैं। हालांकि, यह उम्मीद जताई जा रही है कि संबंध वैसे नहीं रहेंगे, जो पुतिन को ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति रहने के दौरान देखने को मिला था।

रूस के साथ सीधे तौर पर उलझना नहीं चाहते बाइडन

बाइडन ने रूस के साथ संबंधों को नए सिरे से शुरू करने की उम्मीद नहीं छोड़ी है लेकिन उन्होंने संकेत दिया है कि शीत युद्ध के दौर के प्रतिद्वंद्वी देश के साथ मतभेदों को दूर करना चाहते हैं। घरेलू मोर्च को लेकर व्यापक एजेंडा और ईरान एवं चीन पर फैसले की जरूरत के बीच बाइडन रूस के साथ सीधे तौर पर उलझना नहीं चाहते हैं।

पुतिन से बातचीत में उठाएंगे ये मुद्दे

बाइडन जब पहली बार पुतिन से बात करेंगे तो उनसे उम्मीद होगी कि रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की गिरफ्तारी और सप्ताहांत में उनके समर्थकों पर कार्रवाई, साइबर सुरक्षा में रूसी एजेंसियों की घुसपैठ, अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान में हत्या के लिए तालिबान को इनाम की पेशकश संबंधी मीडिया में आई खबर का मुद्दा वह उठाएंगे।

राष्ट्रपति बाइडन ने जताई ये उम्मीद

इसके साथ ही, बाइडन के दिमाग में उनके द्वारा ही अमेरिका-रूस हथियार नियंत्रण समझौते को पांच साल बढ़ाने का उनका ही प्रस्ताव होगा, जो फरवरी में समाप्त हो रहा है। बाइडन ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने नवलनी के कारण उत्पन्न स्थिति पर अब तक रुख तय नहीं किया है, लेकिन उम्मीद जताई कि आपसी हित पर रूस और अमेरिका सहयोग कर सकते हैं।

सहयोगियों से रिश्ते सुधारने की कही बात

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले बुधवार को पद की शपथ लेने के बाद अमेरिका के साझेदारों के साथ संबंधों को दुरुस्त करने और दुनिया के साथ एक बार फिर साझेदारी बढ़ाने का वादा किया। देश के 46वें राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा कि देश ने परीक्षा की घड़ी पार की है और मजबूत बनकर उभरा है। डेमोक्रेटिक पार्टी के 78 वर्षीय अनुभवी नेता ने अपने भाषण में कहा कि हम शांति, प्रगति और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत और विश्वस्त साझेदार होंगे।

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