कुंभ को लेकर केन्द्र की SOP ने बढ़ाया राज्य सरकार का काम, संख्या पर असमंजस

केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती के साथ पालन करने के क्रम में कुंभ आयोजन को लेकर राज्य सरकार असमंजस में है। शाही स्न्नान की तारीख करीब आ रही है और अभी तक सरकार ने न तो पर्व का नोटिफिकेशन किया है और न ही अन्य व्यवस्थाएं की हैं। इस संबंध में मंत्रिपरषद की बैठक में भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। अंत में सर्वसम्मति से कुंभ के स्वरूप को लेकर सभी निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को अधिकृत किया गया है। अखाड़ा परिषद के साथ बातचीत करने के बाद सी.एम. अंतिम फैसला लेंगे और एस.ओ.पी. जारी होगी।

कुंभ को लेकर केन्द्र सरकार ने कड़ी एस.ओ.पी. जारी की है। केन्द्र सरकार ने साफ आदेशित किया है कि कुंभ क्षेत्र में उसी व्यक्ति को घुसने दिया जाए जिसके पास 72 घंटे के अंदर की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट हो। केन्द्र ने यह भी अपेक्षा की है कि राज्य सरकार को कुंभ यात्रियों की प्रतिदिन की संख्या निर्धारित करे। केन्द्र का यही खत राज्य सरकार के लिए दुविधा का विषय बना हुआ है।

यदि कुंभ क्षेत्र की क्षमताओं की बात करें, तो कम से कम दस लाख श्रद्धालु प्रतिदिन स्नान कर सकते हैं। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को ठहरने की व्यवस्था भी हरिद्वार में है। मंत्री मदन कौशिक के अनुसार लगभग पांच लाख लोगों को होटलों और धर्मशालाओं में और इतनी ही संख्या में लोगों को आश्रमों में ठहराया जा सकता है। यानी दस लाख श्रद्धालुओं को एक दिन में गंगा स्नान की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन यहां कोरोना जांच का पेच फंस जाता है। यदि राज्य सरकार एक दिन में दस लाख श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित करती है तो केन्द्र की एस.ओ.पी. के अनुसार इतनी बड़ी संख्या में कोरोना जांच की व्यवस्था भी करनी होगी। यह संभव नहीं है। मंगलवार को मंत्रिपरिषद में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा हुई।

कागजों पर सीमित होगा कुंभ

यात्रियों की दैनिक संख्या को पचास हजार या एक लाख तक सीमित रखने का प्रस्ताव हरिद्वार के साधु और व्यापारी समाज को स्वीकार नहीं होगा। बड़ी संख्या में यदि श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी जाती है, तो केन्द्र सरकार की एस.ओ.पी. का पालन नहीं हो पाएगा। हाईकोर्ट ने भी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्नान पर नियंत्रण रखने को कहा है। सूत्रों का कहना है कि इस कारण राज्य सरकार कागजों पर कुंभ को सीमित करने की योजना बना रही है यानी कुंभ का नोटिफिकेशन काफी कम समय के लिए किया जाएगा। नोटिफिकेशन में कुंभ की अवधि और कुंक्ष क्षेत्र को कम दिखाया जाएगा। इससे केन्द्र की एस.ओ.पी. का पालन किया जा सकेगा। अधिकतम समय में बगैर नोटिफिकेशन का कुंभ होगा। इसमें श्रद्धालुओं के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी।

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